चंडीगढ़ : नौकरी गंवाने के कगार पर खड़े गेस्ट टीचर्स मंत्री समूह की बैठक में हुई लीपापोती से खफा हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह की अनौपचारिक बैठक में शुक्रवार को कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया था। बैठक में लंबे विचार-विमर्श के बाद के निर्णय लिया गया कि सरप्लस टीचर्स को नौवीं और दसवीं कक्षा तक ही सीमित कर दिया जाएगा, इससे उनके पद विभाग के रिकार्ड में सरप्लस नहीं रहेंगे। इसमें सबसे हैरानी वाली बात ये है कि काफी सरप्लस शिक्षक पहले से ही नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को पढ़ा रहे हैं।
सरप्लस गेस्ट में सिर्फ तीन विषयों हिंदी, गणित व समाज विज्ञान के शिक्षक शामिल हैं। इनमें से समाज विज्ञान के शिक्षक ही छात्रों को अंग्रेजी विषय भी पढ़ाते हैं। लंबे समय से अंग्रेजी के अध्यापकों की सीधी भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में सोशल साइंस टीचर्स को सरप्लस मानकर हटाने से अंग्रेजी शिक्षकों के और पद खाली हो जाएंगे। चूंकि अंग्रेजी के मास्टरों के पहले से ही भारी संख्या में पद खाली हैं। गेस्ट टीचर्स को अंग्रेजी टीचर्स के खाली पदों पर समायोजित कर भी बचाया जा सकता है। लेकिन सरकार बीच का रास्ता अपनाते हुए कोई भी ठोस निर्णय लेने से बच रही है। सरकारी मास्टर को लेक्चरर बनाकर गेस्ट को बचाने की योजना इसलिए सिरे नहीं चढ़ पा रही, क्योंकि इससे लेक्चरर के पद सरप्लस हो जाएंगे। ऐसा होते ही लेक्चरर सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद कर देंगे। इसे देखते हुए सरकार ये कदम उठाने से बच रही है।
हरियाणा राज्य अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री और प्रवक्ता धर्मबीर कौशिक का कहना है कि सरकार फूट डालो और राजनीति करो की राह पर चल रही है। मंत्री समूह की बैठक में ठोस निर्णय न होने से गेस्ट में भारी रोष है। सरकार कोई उचित निर्णय नहीं ले पा रही। इसे देखते हुए कंप्यूटर शिक्षकों ने 24 मई तीन केंद्रीय मंत्रियों के आवास का घेराव व पुतला जलाने की घोषणा की है। dj
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