चंडीगढ़ : हरियाणा के हैल्थ मिनिस्टर अनिल विज ने कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी और सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। उन्होंने इनके मुद्दे पर तुरंत प्रभाव से मंत्री समूह की बैठक बुलाए जाने की मांग की है, ताकि इनकी समस्याओं का जल्दी कोई समाधान निकाला जा सके। इस संबंध में विज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक डीओ लैटर भी लिखते हुए कहा है कि इसे अति महत्वपूर्ण माना जाए। विज ने कर्मचारियों का मुद्दा ऐसे समय में उठाया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एक साल पूरा होने पर सीएम सिटी करनाल में 26 मई को एक रैली प्रस्तावित है।
गेस्ट टीचरों से लेकर कंप्यूटर टीचरों समेत कई कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे हैं। रैली को देखते हुए करनाल में पुलिस ने लाठीचार्ज करके गेस्ट टीचरों को वहां से हटाने की कोशिश की तो इस पर भी विज ने यह कहकर अपनी ही सरकार की परेशानी बढ़ा दी थी कि वे लाठीचार्ज से बहुत आहत हैं। उल्लेखनीय है कि विज इससे पहले कंप्यूटर और गेस्ट टीचरों को सरकार में उनकी पूरी पैरवी करने का भरोसा दिलवा चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एक मीटिंग में उनकी वकालत भी की थी। उनका मानना है कि किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जानी चाहिए। उनकी नौकरी बचाने के लिए कोई कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए।
हमारे ही कुछ नेताओं ने पैदा की समस्या
विज ने कहा कि चुनाव से पहले हमने अपने चुनाव घोषणा पत्र में तो कर्मचारियों से वायदे किए ही थे। हमारे कुछ नेताओं ने भी उनके धरना-प्रदर्शनों में जाकर उन्हें पहली कलम से ही रेगुलर करने और प्राथमिकता के आधार पर उनकी मांगें पूरी करने जैसे वायदे किए थे। अब हमारी सरकार को बने 6 महीने हो चुके हैं। अपनी-अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे हैं। हजारों कर्मचारियों पर बेरोजगार होने की तलवार लटकी है। उन्हें अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर रहा है, इसलिए वे कुछ भी कर सकते हैं। कर्मचारियों को लाठी-डंडे और दमन से शांत करने की नीति ठीक नहीं है। इसलिए मंत्री समूह की तुरंत बैठक बुलाकर उनकी मागों का समाधान निकाला जाना चाहिए। db
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