चंडीगढ़ : प्रदेश की मनोहर सरकार छह महीने के कार्यकाल को सफल बताते हुए खुद की पीठ थपथपा रही है। 26 मई से प्रदेश में विशेष जनसंपर्क कार्यक्रम चलाने की रूपरेखा तैयार है, लेकिन सड़कों पर परिवार संग उतर रहे कर्मचारी सरकार के जश्न में खलल डाल सकते हैं। सरकारी स्कूलों में तैनात गेस्ट टीचर्स पहले से ही मुख्यमंत्री के गृह जिले करनाल में महापड़ाव पर हैं, वहीं पंचकूला में सोमवार से अनुबंध न बढ़ने पर आंदोलनरत 2852 कंप्यूटर टीचर्स अभिभावकों के साथ महापड़ाव शुरू करेंगे।
गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर कंप्यूटर शिक्षक भी धरना स्थल पर ही रात बिताएंगे। साथ ही क्रमिक अनशन भी शुरू होगा। इसमें उनके परिजन भी हिस्सा लेंगे। शिक्षकों के सड़कों पर उग्र प्रदर्शन करने की भी योजना है। कंप्यूटर टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बलराम धीमान व प्रवक्ता सुरेश नैन का कहना है कि सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। उन्हें नौकरी से न निकालने के आश्वासन दिए जाते रहे, लेकिन दूसरी ओर नई भर्ती की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। कई बार मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारियों से वार्ता के बावजूद कोई रास्ता सरकार नहीं निकाल पाई। अब शिक्षकों के पास परिवार सहित अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। अब मांगें पूरी होने के बाद ही शिक्षक पंचकूला में शुरू होने वाले महापड़ाव को खत्म करेंगे। dj
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