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Saturday, 30 May 2015

गेस्ट टीचर मामले में 29 जून डेडलाइन, फैसला करे सरकार, नहीं तो सेवाएं समाप्त

चंडीगढ़ : 3,581सरप्लस गेस्ट टीचर्स को नौकरी से हटाने के मामले में अंतिम फैसला अब प्रदेश सरकार को करना होगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को 29 जून तक का समय दिया है। जस्टिस अमित रावल ने कहा कि 29 जून तक सरकार इन टीचर के जवाब पर फैसला करे। फैसला करने पर इनकी सेवाएं समाप्त समझी जाएंगी। सरकार के नोटिस का जवाब देने वाले 28 टीचर की नौकरी एक जून से समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गई है। शुक्रवार को सरकार को बताना था कि गेस्ट टीचर की सेवाएं समाप्त की या नहीं। एडवोकेट जनरल ने जवाब के लिए समय मांगा। इस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि लंच के बाद प्रिंसिपल सेक्रेटरी और शिक्षा विभाग के महानिदेशक खुद पेश होकर जवाब दें। एडवोकेट जनरल ने सफाई दी कि दोनों अफसर व्यस्त हैं, कोर्ट जो भी फैसला करेगा मान्य होगा। इस पर कोर्ट ने दोपहर बाद फिर सुनवाई की।
सरकार की ओर से कहा गया कि जिन 28 गेस्ट टीचर ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है, उनकी सेवाएं एक जून से समाप्त हो जाएंगी। कुल 4,073 सरप्लस ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) में से 3,581 ने नोटिस का जवाब दिया है। उन पर फैसला किया जाना है। इसके अलावा 464 गेस्ट टीचर दूसरी नौकरी मिलने पर इस्तीफा दे चुके हैं। 
प्रमोशन के फॉर्मूले से अतिथियों को एडजस्ट कर सकती है सरकार 
प्रदेश सरकार ने गेस्ट टीचर की नौकरी बचाने की कोशिश तीन दिन पहले ही शुरू कर दी है। इसी क्रम में लंबे अरसे से लटकी प्रमोशन के आवेदन मांगे हैं। शिक्षा विभाग ने 7,700 पदों पर टीजीटी को प्रमोशन देकर पोस्ट ग्रेजुएट टीचर बनाने और 6000 पदों पर प्राइमरी टीचर को प्रमोट करके टीजीटी बनाने के लिए आवेदन मांगें हैं। टीजीटी के रिक्त होने पदों पर सरकार गेस्ट टीचर को एडजस्ट कर सकती है। शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा पहले ही इसके संकेत दे चुके हैं।                                                                             db

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