चंडीगढ़ : अतिथि अध्यापकों के दबाव का असर सरकार पर दिखने लगा है। स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि मंत्रिसमूह अतिथि अध्यापकों की समस्या पर चिंतित है। जल्द ही उनके हित में कोई रास्ता निकाल लेगा। विज के दबाव के बाद मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मंत्रिसमूह की बैठक बुलाई थी, जिसमें अतिथि अध्यापकों समेत अन्य आंदोलनकारी कर्मचारियों के मसले पर लंबी बातचीत की। विज ने शनिवार को बताया कि इस बैठक में अतिथि अध्यापकों के हित में फैसला लेने की सहमति बन चुकी है। इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंत्री अतिथि अध्यापकों के आंदोलन को लेकर चिंतित था। पिछली सरकार की शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन ने अदालत में हलफिया बयान देकर अतिथि अध्यापकों को सरप्लस बताया था, लेकिन हमारी सरकार के मुख्य सचिव ने अदालत में कहा कि यह अतिथि सरप्लस नहीं है और सरकार उन्हें रखना चाहती है। हम अतिथियों को कानूनी दांवपेंच में नहीं उललझाना चाहते। इस बीच, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि सरकार गेस्ट टीचर्स के भविष्य को सुरक्षित करने में जुटी है। जल्द ही गेस्ट टीचर्स की नौकरी बचाने का फामरूला सबके सामने होगा। गेस्ट को संयम बरतते हुए सरकार का साथ देना चाहिए। बच्चों के अभिभावक और स्कूल मैनेजमेंट समितियां स्कूलों में ताला बंदी न करें। गेस्ट टीचर्स आंदोलन समाप्त कर सरकार के निर्णय का इंतजार करें। dj
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