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Monday, 25 May 2015

विदाई दे फिर अपनाए जाएंगे अतिथि

** हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना का खतरा नहीं उठाएगी सरकार 
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में सरप्लस चल रहे 4066 गेस्ट टीचर्स की विदाई एक बार तो तय है। मनोहर सरकार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना से बचने के लिए गेस्ट को अमित शाह की 26 मई की करनाल रैली के बाद किसी भी समय रिलीव कर सकती है। ऐसा कर एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी है। एक तो शाह की रैली में गेस्ट टीचर्स व्यवधान नहीं डाल पाएंगे और दूसरा 27 मई को सरकार हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अतिथियों को हटाने का रिकार्ड भी पेश कर देगी। 
सरकार ये कदम सोची-समझी रणनीति के तहत उठाने जा रही है। सरकार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना नहीं ङोलना चाहती, इसलिए गेस्ट को अगली सुनवाई से ठीक पहले हटाया जाएगा। गेस्ट पहले से ही हाईकोर्ट के एकल बैंच के फैसले के खिलाफ डबल बैंच में गए हुए हैं, वहां सरकार ढाल के तौर पर इनकी मदद करेगी। गेस्ट को स्कूलों से हटाने के आदेशों के खिलाफ डबल बैंच से स्टे दिलाने की तैयारी है। अमित शाह की करनाल रैली से पहले सरकार कोई कठोर कदम उठाने की स्थिति में नहीं है। गेस्ट के साथ छात्र, अभिभावक और स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां भी आंदोलन में उतर आई हैं। रैली से पहले सेवाएं खत्म करना सरकार के लिए मुसीबत मोल लेने से कम नहीं होगा, चूंकि पूरे प्रदेश में गेस्ट सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन कर सकते हैं।
मौलिक शिक्षा विभाग भी गेस्ट टीचर्स के नोटिस का जवाब मिलने के बावजूद इसलिए ही ठंडा पड़ा हुआ है। हाईकोर्ट की ओर से 11 मई को गेस्ट को दो हफ्ते के भीतर नोटिस देकर नौकरी से हटाने की मियाद शनिवार को पूरी हो चुकी है। बावजूद अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। सरकार का इशारा होने पर ही विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। उधर, गेस्ट टीचर्स को भी इसका आभास हो चुका है कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं करेगी। मनोहर सरकार भी हाईकोर्ट में पूर्व हुड्डा सरकार के ही आंकड़ों को पेश कर रही है। 4060 सरप्लस गेस्ट में लगभग पांच सौ शिक्षक नौकरी छोड़ कर दूसरे विभागों में स्थायी नियुक्तियां पा चुके हैं, उन्हें भी विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजा गया। सरप्लस शिक्षकों की सूची में विभाग ने कई अतिथियों का रिकार्ड भी पेश किया हुआ है। इतिहास के शिक्षक को सोशल साइंस का दिखाया जा रहा है। अगली सुनवाई में अतिथि हाईकोर्ट में इस मामले को भी उठाएंगे। 
गेस्ट टीचरों को समर्थन नहीं : हिन्दू महासभा 
करनाल : हिन्दू महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल सिवाच ने कहा कि हिन्दू महासभा का गेस्ट टीचरों को किसी प्रकार का समर्थन नहीं है। अतिथि अध्यापक धर्म परिवर्तन की आड़ में सरकार व हंिदूू समाज को ब्लैकमेल कर रहे हैं।1यहां एक बैठक के दौरान सिवाच ने कहा कि गेस्ट टीचरों को किसी भी कीमत पर धर्म परिवर्तन नहीं करने देंगे, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। गेस्ट टीचर धर्म परिवर्तन की धमकी देकर जहां सरकार पर दवाब बना रहे हैं वहीं, हिन्दू धर्म को भी बदनाम कर रहे हैं। बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया की गेस्ट टीचरों के आंदोलन में हिन्दू महासभा साथ नहीं रहेगी। सिवाच ने कहा कि हाईकोर्ट ने इनको हटाने का आदेश दे दिया है। गेस्ट टीचरों को न्यायालय का सम्मान करना चाहिए और अगर उन्हें लड़ाई लड़नी है तो न्यायालय में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखें। 
गेस्ट के समर्थन में उतरेंगे सरकारी शिक्षक
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सरप्लस गेस्ट टीचर्स को सरकारी शिक्षकों के समर्थन में इजाफा होता ही जा रहा है। सर्व कर्मचारी संघ से संबद्ध हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने राज्य कमेटी की आपात बैठक कर गेस्ट टीचर्स के समर्थन में सोमवार को खंड स्तर पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। छात्र, अध्यापक व अभिभावक मिलकर पूरे हरियाणा में जनता के बीच सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों की पोल खोलेंगे। प्रदर्शन के दौरान एक लाख से अधिक पर्चे बांटे जाएंगे। 
अध्यापक संघ के महासचिव सीएन भारती व वरिष्ठ उप-प्रधान गजे सिंह ने कहा कि गणित, सोशल साइंस व हंिदूी विषयों के अतिथि अध्यापकों को हटाया जा रहा है, वास्तव में सबसे अधिक पद इन्हीं विषयों के खाली हैं। वास्तव में जब से सरकार ने स्कूलों में तीन स्तरीय ढांचा लागू किया गया है, तब से नए सेवा नियमों के अनुसार प्राध्यापकों को नौंवी से 12 वीं कक्षा पढ़ाने की जिम्मेवारी दी है, लेकिन अनेक उच्च विद्यालयों में प्राध्यापकों की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। इन उच्च विद्यालयों में आज भी मास्टर व सीएंडवी अध्यापक छठी से दसवीं कक्षा को पढ़ा रहे हैं।                                                            dj

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