** सीएम ने मंत्रियों की बैठक बुलाकर किया मंथन
** पदोन्नति के जरिए भी सरकार निकाल सकती है हल
चंडीगढ़: हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा के सरकारी स्कूलों के 4000 से अधिक गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी करने के बाद अब प्रदेश सरकार इन टीचरों की नौकरी बचाने के उपाय खोजने लगी है। शुक्रवार को इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्रियों के बीच एक घंटे से भी अधिक समय तक बैठक हुई।
माना जा रहा कि सरकार सरप्लस गेस्ट टीचरों को नौवीं-दसवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंप कर उनकी नौकरी बचा सकती है। हालांकि शिक्षकों को एडजस्ट करने से पहले सरकार को हाईकोर्ट को विश्वास में लेना पड़ेगा। इस बारे में सरकार की ओर से पहले भी एक हलफनामा दाखिल किया गया है। राज्य के सरकारी स्कूलों में इन कक्षाओं में बच्चों की संख्या के मुकाबले टीचर भी कम हैं। इस बारे में सरकार की ओर से फिर से शपथ पत्र दिया जा सकता है।
गेस्ट शिक्षकों के आंदोलन को देखते हुए और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के सुझाव के बाद शुक्रवार को सीएम की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह की बैठक में राज्य मंत्री कृष्ण बेदी के छोड़कर बाकी सभी मंत्री मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार मंत्री समूह में इस बात पर सहमति बनी है कि गेस्ट शिक्षकों को राहत दी जाए।
सीधी भर्ती में गेस्ट टीचर्स को देंगे प्राथमिकता: खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों के रोजगार के प्रति चिंतित है। भविष्य में सीधी भर्ती के लिए मांगे जाने वाले आवेदनों में उन्हें अधिकतम आयु सीमा सहित अन्य मानदंडों में भी छूट पर विचार किया जाएगा। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अतिथि अध्यापकों को भी सरकार का सहयोग करना चाहिए। मुख्यमंत्री यहां हरियाणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार व हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। au
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