चंडीगढ़ : प्रदेश के 4073 सरप्लस अतिथि अध्यापकों की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है। हाई कोर्ट ने सोमवार को उन्हें हटाने के सरकार के नोटिस पर स्थगन देने से इन्कार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
अतिथि अध्यापकों ने फिक्स टुडे याचिका दायर कर सुनवाई करने की प्रार्थना की थी जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। भोजन अवकाश के बाद सुनवाई में अतिथि अध्यापकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने बहस की। जस्टिस अमित रावल ने याचियों को राहत देने से इन्कार करते हुए कहा कि वे इस मामले में समय खराब क्यों कर रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट पहले ही स्पष्ट आदेश दे चुके हैं।
बेंच ने गेस्ट टीचरों को किसी भी तरह की राहत देने से इन्कार करते हुए सरकार द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगाने से मना कर दिया। वहीं, एकल बेंच द्वारा अपील खारिज करने के बाद अतिथि शिक्षकों के सामने अब केवल डिवीजन बेंच में नोटिस को चुनौती देने का रास्ता बचा है। मंगलवार को इस मामले में अपील दायर हो सकती है।
सरकार ने दिखाई सख्ती
अतिथि अध्यापकों के आंदोलन पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सरकार ने स्कूलों पर तालाबंदी करने वालों पर केस दर्ज का आदेश दिया है। पुलिस अधीक्षकों को भेजे निर्देश में कहा गया है कि स्कूलों पर ताला लगाने वालों पर केस दर्ज किए जाएं। मालूम हो कि शनिवार को प्रदेशभर में सैकड़ों स्कूलों पर ताला लगा दिया गया था। dj
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