रोहतक : देश के सभी विश्वविद्यालयों में समानता लाने के लिए अब एक समान पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इसके लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है। साथ ही ढांचागत सुविधाओं में भी बदलाव करने के लिए विश्वविद्यालयों के लिए योजना बनाई गई है। इस सिस्टम के एक बार पूरी तरह से देशभर में लागू होने के बाद विद्यार्थी कॉलेज से कॉलेज और विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय में और एक राज्य से दूसरे राज्य में भी जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। यह खुलासा गुरुवार को विशेष बातचीत में यूजीसी विशेषज्ञ प्रो. वीके कौल ने किया।
प्रो. कौल के मुताबिक नए सत्र से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के जरिए इस तरह के कई बदलाव किए जा रहे हैं। इस सिस्टम को नए सत्र से लागू करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक देश के अलग-अलग राज्यों में इसके लिए 8 कार्यशाला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की आेर से करवाई जा चुकी है। गुरुवार को प्रो. कौल एमडीयू में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पर आयोजित कार्यशाला में बतौर विशेषज्ञ जानकारी देने पहुंचे थे।
सेवानिवृत प्रोफेसरों का बनेगा एक्सपर्ट पैनल :
यूजीसीकी ओर से देशभर में सेवानिवृत हुए प्रोफेसरों का भी डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
एक माह में बदल सकेंगे कोर्स :
सीबीसीएस को लेकर अब जहां छात्र एक कोर्स के साथ दूसरे कोर्स में भी इच्छानुसार पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं यदि छात्र एक कार्यक्रम में महीनेभर पढ़ने के बाद दूसरा कोर्स बदलना चाहेगा तो उसे यह भी सुविधा मिल सकेगी। साथ ही वह अपने पुराने कोर्स भी चयन स्तर पर जारी रख सकेगा। इसके लिए हर विवि अपने स्तर पर कोर्स बदलने के लिए योजना तैयार कर यूजीसी को देंगे। ऐसे में फीस केे लिए भी ढांचागत बदलाव भी किए जाएंगे। db
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