चंडीगढ़ : हरियाणा में कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। वित्त विभाग ने सभी विभाग अध्यक्षों, मंडल आयुक्तों, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, जिलों के उपायुक्तों व उप मंडल अधिकारियों से सातवें वेतन आयोग के लिए विभिन्न श्रेणियों के पदों के डाटाबेस वेतनमान से संबंधित जानकारी मांगी है।
निर्धारित प्रपत्र में एक माह के अंदर-अंदर सभी विभागों को यह जानकारी देनी होगी। वेतनमान से जुड़ा डाटा संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापित होना जरूरी है।
वेतनमान की जानकारी ई-मेल के माध्यम से भी भेजी जा सकती है। प्रत्येक श्रेणी के पदों व कर्मचारियों के सेवा नियमों की दो प्रतियां भी विभाग को इस जानकारी के साथ भेजनी होंगी। वेतनमान डाटाबेस में पद, स्वीकृत पदों की संख्या, भरे हुए पदों की संख्या, 30 जून 2014 को फंक्शनल पे-स्केल, विशेष वेतन यदि है, निर्धारित न्यूनतम योग्यता, सीधी भर्ती, पदोन्नति, भर्ती का माध्यम आदि की जानकारी हर विभाग को तय समय में देनी पड़ेगी।
छठा पूरी तरह लागू नहीं सातवें की तैयारी
प्रदेश में छठे वेतनमान की सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हैं। कर्मचारियों को ग्रेड पे, मकान का किराया, वाहन भत्ता, शिशु शिक्षा भत्ता व ट्रांसफर भत्ता नहीं मिलता है। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा का कहना है कि सरकार ने पांचवें वेतनमान की विसंगतियां दूर किए बिना छठा वेतनमान लागू कर दिया था। अभी इसकी विसंगतियों को दूर नहीं किया गया है। अब सातवें वेतनमान के लिए डाटा मांगा जा रहा है। इससे और विसंगतियां बढ़ेंगी। हरियाणा के कर्मचारी लंबे समय से अलग वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। सरकार को यह गठित कर वेतनमान में इजाफा करना चाहिए। dj
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