चंडीगढ़ : आंदोलनरत गेस्ट और कंप्यूटर टीचर्स पर लाठीचार्ज के विरोध में सरकारी कर्मचारी जल्द ही मनोहर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं। सर्व कर्मचारी संघ ने 27 मई तक आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगें मानने का अल्टीमेटम दिया है। चुनावी घोषणा पत्र में शामिल वादों को पूरा न करने पर कर्मचारी 28 मई से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर देंगे। सरकार की पोल खोलने के लिए एक लाख पर्चे लोगों को हाथों-हाथ बांटे जाएंगे एवं 20 हजार पोस्टर दीवारों पर चिपकाने का लक्ष्य रखा गया है।
संघ के प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि 27 मई तक नौकरी से हटाए गए सभी कर्मचारियों को वापस डयूटी तथा गेस्ट टीचर्स पर बनाए मुकदमे खत्म कर जेल में बंद नेताओं को रिहा नहीं किया तो 28 मई से प्रदेश के कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे। जिला मुख्यालयों पर आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा। 28 मई से 9 जून तक जिला मुख्यालयों पर होने वाले प्रदर्शनों को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। उप महासचिव जीवन सिंह ने बताया कि 28 मई को पलवल, सिरसा, कैथल व झज्जर, 2 जून को मेवात, जींद, यमुनानगर, रोहतक, 5 जून को रेवाड़ी, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र व पानीपत, 9 जून को फरीदाबाद, हिसार, सोनीपत, पंचकूला और 12 जून को गुड़गांव, महेंद्रगढ़, करनाल, भिवानी व अंबाला जिलों में प्रदर्शन किए जाएंगे।
जीवन सिंह के अनुसार सरकार ने चुनाव में कर्मचारियों से किए वादों पर अमल करने की बजाय ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकालने, नियमितीकरण की नीति पर रोक लगाकर, रिटायरमेंट की उम्र घटाकर, पंजाब के समान वेतनमान देने की घोषणा पर अमल न कर संघ को प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने पर मजबूर कर दिया है। सुभाष लांबा ने बताया कि नेपाल, पश्चिम बंगाल व बिहार में आए विनाशकारी भूकंप में मारे गए नागरिकों को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए 21 व 22 मई को विशेष अभियान चलाकर सहायता राशि एकत्रित की जाएगी। dj
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