चंडीगढ़ : इनेलो-भाजपा गठबंधन की सरकार में करीब 15 साल पहले नियुक्त 3206 जेबीटी शिक्षक पदोन्नति के लाभ से वंचित हैं। इन जेबीटी को न तो पिछली हुड्डा सरकार में पदोन्नति व विभागीय लाभ मिले और न ही मनोहर सरकार में कोई सुविधा मिल रही है।
बार-बार की जांच से तंग आ चुके इन जेबीटी ने मनोहर सरकार को 2000 में इनेलो में भाजपा के साझीदार होने की याद दिलाने का फैसला लिया है। कोर्ट की ओर से भी जेबीटी अध्यापकों के लिए सार्थक पालिसी बनाकर पेश करने के निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन पिछली और अब की सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है। यह वही जेबीटी शिक्षक हैं, जिनकी भर्ती के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला पर अंगुली उठी है। सीबीआइ कोर्ट का फैसला आने से पहले 500 से अधिक शिक्षक, हैड टीचर व सीएंडवी प्रमोशन ले चुके हैं, परंतु फैसला आते ही न केवल पदोन्नति रुक गई, बल्कि झज्जर, गुड़गांव और महेंद्रगढ़ जिलों में एसीपी का लाभ भी नहीं दिया गया। इन जेबीटी को विभागीय सुविधाएं एचबीए, कार लोन, कंप्यूटर लोन पर भी रोक लगा दी गई है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के मुख्य सचिव सुनील बास और रोशनलाल आर्य ने कहा कि वर्ष 2000 में नियुक्त 3206 जेबीटी शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार बंद किया जाना चाहिए। भाजपा सरकार को सार्थक पालिसी बनाकर अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट की डबल बेंच में पेश करनी चाहिए। dj
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