चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को भी हरियाणा के हटाए गए सरप्लस गेस्ट टीचर को किसी भी तरह की कोई राहत न देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। सोमवार को सुनवाई के दौरान हटाए गए गेस्ट टीचरों की तरफ से लगभग आधा दर्जन वरिष्ठ एडवोकेट पैरवी के लिए पेश हुए। गेस्ट टीचरों के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि वे सरप्लस नहीं हैं। इस पर अन्य प्रतिवादी वकील ने बताया कि हरियाणा में केवल गेस्ट ही नहीं अपितु कुछ विषय में तो नियमित टीचर भी सरप्लस हैं। गेस्ट टीचरों को केवल पिछले दरवाजे से राजनीतिक दबाव के चलते लगाया गया है।
जस्टिस अमित रावल की पीठ ने कहा कि उनको इस केस की पूर्ण जानकारी है। सरकार शिक्षा जैसे मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। पीठ ने गेस्ट टीचरों से सवाल किया कि अगर वे टेस्ट लें तो क्यों वे तैयार हैं। इस पर आगे आए एक गेस्ट टीचर से पीठ ने पूछा कि सल्फ्यूरिक एसिड का फामरूला क्या है? इसके बाद जज ने एक और सवाल किया जिस पर गेस्ट टीचर सही जवाब नहीं दे पाया।
इस पर जज ने गेस्ट टीचरों की योग्यता पर सवाल उठाया। सुनवाई में पात्रों के वकील ने नई भर्ती के 28 जून को जारी हुए विज्ञापन को बेंच को दिखाते हुए कहा कि इसमे आवेदन के लिए दिए गए 21 अगस्त से 21 सितंबर तक का लंबा समय किस लिए दिया गया है। उसने इससे भर्ती में तीन महीने की बेवजह देरी होने का सवाल उठाया। पीठ की फटकार के बाद हरियाणा सरकार ने कहा कि वे भर्ती की योजना और कई स्तर पर काम होने के कारण इतना समय लग रहा है। dj
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