जींद : वर्ष 2011 में नियुक्त जिन जेबीटी अध्यापकों के अंगूठे का निशान जांच में सही नहीं पाया गया था, ऐसे शिक्षकों को एक बार फिर से विभाग ने नोटिस जारी कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर एक सप्ताह में ऐसे शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। काबिल-ए-जिक्र है कि सिविल रिट पैटीशन नंबर 03/2011 प्रवीण कुमारी व अन्य बनाम हरियाणा सरकार व अन्य में माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की पालना में विज्ञापन क्रमांक 4/2009 में कैटेगरी नंबर 24 के तहत वर्ष 2011 में नियुक्त जेबीटी अध्यापकों के एचटेट की परीक्षा में प्रतिरूपण किए जाने के कारण उनके अंगुठों के निशान तथा हस्ताक्षर की जांच करवाई गई थी।
राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो मधुबन करनाल से प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जिलों की जारी की गई सूची में दिए गए जेबीटी अध्यापकों के सैंपल की जांच नान असमान पाई गई थी। इस कारण इन अध्यापकों की सेवाएं समाप्त करने के लिए शो कोज नोटिस दिए गए थे।शोज कोज नोटिस दिए जाने के बाद इन संबंधित अध्यापकों ने माननीय हाईकोर्ट में विभिन्न सिविल याचिकाएं दायर करके चुनौती दे दी थी। माननीय हाईकोर्ट ने सिविल रिट पैटीशन नंबर 4729/2015 सिल्क राम व अन्य बनाम हरियाणा सरकार व अन्य तथा अन्य रिट पैटीशन में गत 13 मई 2015 को निर्देश जारी किए थे। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि माननीय हाईकोर्ट के आदेशानुसार एचटेट की परीक्षा में जाली पाए गए अध्यापकों के विरुद्ध हरियाणा सिविल सेवा नियमावली 1987 के नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई करके एक सप्ताह के अंदर-अंदर रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित किया जाए।
डीईईओ की होगी जिम्मेदारी
मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी पत्र में साफ कहा गया है कि इस मामले में देरी या कोताही की गई और इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो इसके लिए डीईओ जिम्मेदार होंगे। इस मामले में एक सप्ताह में अनुशासनात्मक कार्रवाई करके रिपोर्ट मुख्यालय को भेजनी जानी है। शिक्षा निदेशालय की तरफ से सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पहले भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। इस पर संबंधित शिक्षकों को नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन उसके बाद ये शिक्षक माननीय हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए थे। जींद जिले में से 18 शिक्षक सामने आए थे, जिनके अंगूठों का मिलान नहीं हो सका था।
"विभाग के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। जो आदेश विभाग से मिले हैं, उस अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई संबंधित शिक्षकों के खिलाफ होगी।"-- सतबीर सरोहा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जींद। dj
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