प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में हिंसा की बढ़ती
घटनाएं अनेक गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। व्यवस्था में विकृति आ गई या
मानसिकता में बिखराव, एक के बाद एक घटनाएं सामने आने का सीधा सा अर्थ है कि
शिक्षा के मंदिर में भी सुरक्षा सर्वथा लुप्त हो गई लगती है। रोहतक के
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हमलावरों ने दो छात्रों को चाकू व सुए
से गोद डाला। एक छात्र की मौत हो गई तथा दूसरा जीवन के लिए संघर्ष कर रहा
है। इसी शहर में स्कूली छात्र की हत्या के आरोप में कॉलेज के तीन छात्रों
को पकड़ा गया है। सिरसा, हिसार, सोनीपत, गुड़गांव, यमुनानगर समेत कई शहरों
में कॉलेज छात्रों के बीच ¨हसक मुठभेड़ हो चुकी है। इतना ही नहीं हिसार के
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में कुछ अर्सा पूर्व छात्र की सरेआम हत्या कर
दी गई थी, सोनीपत जिले में खानपुर विवि के गेट के सामने से छात्र का अपहरण
कर लिया गया जबकि वहां तो पुलिस भी थी। तमाम घटनाक्रम को देखते हुए सबसे
अहम सवाल यह है कि संस्कारों का तेजी से लोप हो रहा है और निरंकुशता व
उच्छृंखलता का विस्तार हो रहा है। शिक्षण संस्थान विद्या अर्जन स्थल के
बजाय या तो शक्ति प्रदर्शन का अखाड़ा बन गए हैं या अपराधियों की शरणस्थली।
कानून व्यवस्था के लिए गंभीर संकट पैदा होना शासन व प्रशासन के लिए चिंता व
विषय है। केवल चिंता प्रकट करने से भी कुछ नहीं होने वाला, जब तक इसके
कारणों की तह तक नहीं पहुंचा जाएगा तब तक समस्या समाधान की उम्मीद नहीं की
जा सकती। पुलिस भले ही लाख दावे करे लेकिन अपराध की इस नई संस्कृति से
निपटने में अब तक वह अक्षम ही रही है। स्कूल, कॉलेजों के बाहर छेड़छाड़
रोकने के लिए पिछले दिनों प्रदेशभर में अभियान चला लेकिन चार कदम चलकर
पुलिस का जोश ठंडा पड़ गया। दलील यह दी जा रही है कि पुलिसकर्मियों की
संख्या कम है और हर स्कूल कॉलेज पर सुरक्षाकर्मी की नियुक्ति नहीं की जा
सकती। अब दायित्व सरकार का है कि पुलिस के इस तर्क को खारिज करके वह अधिकतम
सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करती है। अध्यापकों व अभिभावकों का भी अहम दायित्व
है कि वे अपने कर्तव्य को गंभीरता से समङों और बच्चों में नैतिकता,
संस्कार एवं सभ्य नागरिक बनने की सीख दें। बच्चों को स्कूल, कॉलेज तक ही
भेजने ही उनकी जिम्मेदारी सीमित नहीं, उनकी सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान देना
होगा। पुलिस व प्रशासन हाल की घटनाओं से सबक लें और शिक्षण संस्थानों में
सुरक्षा का माहौल कायम करना अपनी प्राथमिकता में शामिल करें। djedtrl
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