नूंह : जिले में अध्यापकों की लापरवाही से आधार कार्ड नहीं बनने से 6 हजार बच्चों को सरकारी स्कूलों से बाहर कर दिया गया है। अभिभावकों के पास प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए पैसे का जुगाड़ नहीं है। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल से निकालने के बाद से अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षित करने के जुगाड़ में दर-दर भटक रहे हैं। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अध्यापक अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
जिले के पहली से 12 वीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले 6 हजार बच्चों के आधार कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी अध्यापकोंं को दी गई थी। विभाग की ओर से अध्यापकों को बार-बार बच्चोंं के आधार कार्ड बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन नीयत में खोट के चलते अध्यापको ने गरीब बच्चो के आधार कार्ड नहीं बनवाए। दूसरी ओर मेवात में 6 हजार गरीब बच्चों के परिजन शिक्षा दिलाने के लिए स्कूल में दाखिलों के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी वजीर चंद मजौका ने बताया कि अध्यापकों की मनमानी से 6 हजार बच्चों के नाम स्कूल से काटे गए हैं। लापरवाही बरतने वाले अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। मजौका ने कहा कि अध्यापक बच्चों का अस्थाई दाखिला कर आधार कार्ड बनवाकर शिक्षा विभाग से जोड़ सकते हैं। db
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