चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने करीब साढ़े दस हजार लेक्चरर के एक साथ तबादले कर
शिक्षा विभाग का चेहरा बदलने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। राज्य में
ऑनलाइन तबादले होने से जहां पर्ची सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो गया, वहीं
तबादलों के नाम पर लूट मचाने वालों के रास्ते भी बंद हो गए हैं।
बता दें
कि प्रदेश में करीब 22 हजार पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (पीजीटी) हैं। इनमें से
जिन साढ़े 10 हजार पीजीटी के तबादला आदेश जारी किए गए हैं, वे सभी ऐसे हैं,
जिन्हें एक ही स्टेशन पर काम करते हुए पांच साल अथवा इससे अधिक समय हो गया
है। लगभग 450 शिक्षक ऐसे हैं, जो ऑनलाइन तबादलों की तकनीकी प्रक्रिया पूरी
नहीं कर पाए, जिस कारण उनके तबादले लटक गए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से
सोमवार को ऐसे शिक्षकों से नए सिरे से फिर आवेदन करने को कहा जा सकता है।
दरअसल, अभी तक पर्ची सिस्टम के जरिए तबादले होते रहे हैं। सबसे अधिक
परेशानी विधायकों को आती थी। इसके अलावा दलाल भी चारों तरफ सक्रिय रहते थे,
लेकिन ऑनलाइन तबादलों से ये सारे रास्ते बंद हो गए। शिक्षा विभाग में
ऑनलाइन तबादलों का नुकसान उन शिक्षकों को जरूर हुआ है, जो अपने तबादले नहीं
चाहते थे। प्रदेश सरकार ने पांच साल पूरे कर चुके सभी शिक्षकों से जोनवार
नए सेंटर के विकल्प भरने को कहा था। इस आदेश के बाद उन शिक्षकों को भी
ऑनलाइन तबादलों के विकल्प भरने पड़े, जो तबादले नहीं चाहते थे। dj
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