** करीब एक दर्जन बिंदुओं पर कर्मियों को एतराज, करनाल
रैली में उठाएंगे मुद्दा
** यात्रा भत्ते के लिए पात्रता की शर्त में 8 किलोमीटर की जगह 20 किलोमीटर का दायरा रखा गया है
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए बना गए नए सेवा
नियमों पर तकरार बढ़ती नजर आ रही है। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को राहत
देने के लिए अपने राज्य के अलग सेवा नियम तैयार किए हैं, लेकिन
कर्मचारियों को लग रहा कि इन सेवा नियमों से उन्हें फायदा कम और नुकसान
ज्यादा हो रहा है। प्रदेश में अभी तक पंजाब के सेवा नियम चल रहे थे,
जिन्हें बदलकर हरियाणा ने खुद के सेवा नियम तैयार किए हैं। इसके तहत पुरुष
कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश प्रदान करने की सुविधा भी दी गई
है।
इन सेवा नियमों में बदलाव के लिए कर्मचारी लामबंद होने की तैयारी में
हैं। कर्मचारियों के बड़े वर्ग की अगुवाई करने वाले सर्व कर्मचारी संघ
हरियाणा ने 9 अगस्त को करनाल की महारैली में इन सेवा नियमों की खामियां
उजागर करने का निर्णय लिया है। संघ के महासचिव सुभाष लांबा के मुताबिक जल्द
ही नियमावली में ऐसे बिंदुओं की लिस्ट तैयार कर सरकार को सौंपी जाएगी,
जिनके कारण कर्मचारियों को नुकसान हो सकता है। संघ के प्रधान धर्मबीर
फौगाट के अनुसार वित्त विभाग ने कर्मचारियों पर लागू पंजाब सिविल सेवा
नियमावली-1953 के सरलीकरण के लिए प्रस्तावित संशोधनों पर सुझाव मांगे थे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने भी अपने सुझाव सरकार को भेज दिए थे, लेकिन
सरकार ने संघ के सुझावों पर विचार करने के बजाय एकतरफा व मनमाने तरीके से
पंजाब सिविल सेवा नियमावली को निरस्त कर हरियाणा सिविल सेवा नियमावली
को नोटिफाई कर दिया है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है।
"हमने कर्मचारियों
के लिए हरियाणा के अलग सेवा नियम बनाए हैं, जो कि पूरी तरह से कर्मचारियों
के हित में हैं। सातवां वेतन आयोग भी लागू कर रहे। उसी तारीख से लागू
करेंगे, जिससे केंद्र लागू करेगा। वेतन विसंगतियां दूर करने को गठित माधवन
आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर गंभीरता से मनन चल रहा है। सरकार निरंतर
कर्मचारी हित के फैसले ले रही है।"-- कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री,
हरियाणा।
कर्मचारियों में इन बिन्दुओं पर बढ़ रहा असंतोष
- सेवा नियमावली में यात्रा भत्ते के लिए पात्रता की शर्त में 8 किलोमीटर की जगह 20 किलोमीटर का दायरा रखा गया है
- मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारियों के लिए सम्मेलनों व बैठकों में भाग लेने के लिए मिलने वाले 10 के स्थान पर 5 अवकाश करने तथा यात्र भत्ते में दोगुणा के स्थान पर नाम मात्र की बढ़ोतरी करने पर एतराज है
- मुफ्त आवास भत्ता खत्म कर दिया गया
- दैनिक भत्ते में कटौती कर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 150 रुपए के स्थान पर 100 रुपए करने से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
इन मांगों को पूरा करने पर अड़े कर्मचारी
- वेतन विसंगतियां दूर की जाएं तथा सातवें वेतन आयोग की सफारिशें जनवरी, 2016 से सभी विभागों, बोडोर्ं, निगमों, नगर निगमों व विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों पर एक साथ लागू की जाएं
- पंजाब के समान वेतनमान मिले। सभी प्रकार के पार्ट टाइम व अनियमित कर्मचारियों की सेवाएं नियमित की जाएं
- सभी विभागों से नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों को वापस सेवा में लिया जाए
- सभी विभागों में खाली पड़े लाखों पदों को स्थाई भर्ती से भरा जाए
- आरक्षित श्रेणियों के बैकलॉग को विशेष भर्ती अभियान चलाकर भरेंल्ल नई नेशनल पेंशन स्कीम को समाप्त कर नए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में लाया जाए
- आउटसोसिर्ंग-निजीकरण-ठेका प्रथा व पीपीपी की नीतियों पर रोक लगे
- कैशलेस मेडिकल सुविधा मिले तथा 18 हजार रुपए न्यूनतम वेतनमान देने का वादा पूरा किया जाए
- मुफ्त आवास भत्ता खत्म कर दिया गया
- दैनिक भत्ते में कटौती कर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 150 रुपए के स्थान पर 100 रुपए करने से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। dj
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