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Monday, 1 August 2016

टीचर ट्रांसफर पॉलिसी मामले में हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला


चंडीगढ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अध्यापकों की नई तबादला नीति के मामले में सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए सरकार को राहत दी। हाईकोर्ट ने तबादलों पर लगाई गई रोक को हटा लिया। इस मामले में सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार द्वारा ट्रांसफर पालिसी की व्यवहारिकता पर दाखिल की गई क्लेरीफिकेटरी पर संतोष जताते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस आरएन रैना ने तबादले से रोक हटाने के साथ ही हरियाणा स्कूल शिक्षा निदेशक को ऐसे अध्यापकों, जिनके तबादले से संबंधित मामले विभिन्न तकनीकी और विभागीय कारणों से लंबित रह गए हैं, का 2-3 दिन के भीतर निपटारा करने के आदेश भी जारी किए।
मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी। सोमवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान हरियाणा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से तबादला नीति के बारे में क्लेफिकेटरी दाखिल की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता के वकील संदीप गोयत को अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता लोकेश सिंहल ने सेकेंडरी शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक वीरेंद्र सहरावत की ओर से जारी दिशानिर्देशों की जानकारी हाईकोर्ट को देते हुए बताया कि राज्य सरकार के लिए हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेशों के चलते, जोनिंग पालिसी अपनाने के बाद और हरियाणा को सात जोन में बांटने के बाद स्कूलों में पोस्टिंग और ट्रांसफर के मामलों पर आगे कार्रवाई करना मुश्किल को गया है।
सरकार की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि कोर्ट द्वारा पिछले आदेश में उपयोग किए गए शब्द तत्पश्चात के कारण समस्या उत्पन्न हुई है। सरकार की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि तबादलों पर रोक की आवश्यकता नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने पिछले आदेश में बदलाव करते हुए हरियाणा सरकार को पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता से तबादला नीति को लागू करने के निर्देश दिए।
अध्यापकों को भी दी राहत
इस मामले में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को राहत देने के साथ उन अध्यापकों को भी राहत दी, जिन्हें तबादले के लिए अपने आप्शन चुनने और सर्विस प्रोफाइल पेंडिंग रहने के कारण तबादले का अवसर नहीं मिल पाया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा याचिकाकर्ता या अन्य याचिकाकर्ता और गैर याचिकाकर्ताओं को अगर तबादला नीति और पूरक नीति को लेकर भविष्य में कोई समस्या आती है तो वे उन्हें सुलझाने के लिए स्कूल शिक्षा निदेशक को इसकी जानकारी दे सकते हैं।
हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों को दो-तीन दिन या संबंधित अध्यापक द्वारा लिखित या मौखिक सूचना देने के बाद जल्द से जल्द निपटाने के आदेश भी दिए। अपने फैसले में जस्टिस रैना ने उन अध्यापकों को, जो तबादले के लिए अपने आप्शन नहीं चुन सके थे, और ऐसे अध्यापक जिनके सर्विस प्रोफाइल संबंधित अधिकारी द्वारा पारित नहीं किए गए हैं, को बुधवार शाम 5 बजे तक का समय दिया है।                                                              au

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