** शिक्षा विभाग ने 31 मई तक जारी किया था पुनर्नियुक्ति पत्र, लैब सहायक चिंतित
करनाल : प्रदेश के 3000 कम्प्यूटर लैब सहायकों पर फिर बेरोजगारी का संकट
मंडराने लगा है। जैसे-जैसे 31 मई नजदीक आ रही है प्रदेश के कंप्यूटर लैब
सहायकों की चिंता भी बढ़ने लगी है। शिक्षा विभाग के पत्र के अनुसार 31 मई
2017 को इनकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।
कम्प्यूटर लैब सहायक वैलफेयर
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र प्योंत ने कहा कि प्रदेश के तीन हजार
कंप्यूटर लैब सहायक व उनके परिवार के बारे में सरकार को सोचना चाहिए।
कंप्यूटर लैब सहायकों के आठ महीनों के संघर्ष के बाद हरियाणा सरकार द्वारा
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में रोजगार बहाल करने का शपथ पत्र दिया गया।
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि जब तक लैब सहायकों के पदों पर स्थाई भर्ती
नहीं होती तब तक लैब सहायकों का अनुबंध बढ़ाया जाए। शिक्षा विभाग द्वारा
लैब सहायकों की तीन महीनों के लिए पुनर्नियुक्ति पत्र जारी किया गया। इसमें
लिखा गया कि 31 मई 2017 को बिना किसी पूर्व नोटिस के लैब सहायक अपनी
सेवाएं समाप्त समङों। इससे लैब सहायक चिंता में हैं। उन्होंने कहा कि
प्रदेश के कंप्यूटर लैब सहायक एक प्रोसेस के तहत लगाए गए थे। सी-डेक मोहली
के द्वारा पेपर लिया गया और मैरिट के आधार पर कोर कंपनी के माध्यम से
सीनियर सेकेंडरी स्कूलों व उच्च विद्यालयों में लैब सहायकों को नियुक्त
किया गया है।
प्रदेश उपाध्यक्ष अजैब राणू ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश
के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चों के साथ डिजिटल
इंडिया के नाम पर खिलवाड़ कर रही है। न ही बच्चों के लिए समय पर कंप्यूटर
पुस्तकें पहुंच रही हैं और न ही लैबों के लिए विशेष बजट बनाया जा रहा है।
प्रदेश महासचिव सुनील राणा ने कहा कि प्रदेश के कंप्यूटर लैब सहायकों को
टुकड़ों में रोजगार दिया जा रहा है। जिससे विद्यार्थी व शिक्षक दोनों का
नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब भिखारी की तरह नहीं सम्मानपूर्वक
रोजगार चाहिए। जिसके लिए प्रदेशभर के लैब सहायक भविष्य में आर-पार की लड़ाई
लड़ेगा।
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