दिल्ली
हाईकोर्ट ने बुधवार को सीबीएसई से पूछा था कि आप रि इवैल्युएशन
(पुनर्मूल्यांकन) को खत्म क्यों कर रहे हैं? जस्टिस संजीव सचदेवा और एके
चावला की बेंच ने ये सवाल तब पूछा, जब उनके सामने एक आंसरशीट पेश की गई,
जिसमें सवाल का जवाब सही होने पर भी जीरो मार्क्स दिए गए थे। बेंच ने कहा
था कि 'अगर किसी एक बच्चे की कॉपी की जांच में भी गड़बड़ी सामने आती है तो
उस बच्चे का भविष्य दांव पर लग जाएगा। चाहे एक ही मामला क्यों ना हो, कोई
ऐसे मैथ्स टीचर की जांच पर भरोसा कर सकता है जो अपने दिए हुए मार्क्स का
टोटल ही ना कर पा रहा हो?''''
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