नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय
तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) जल्द ही अतीत की बातें होंगी। सरकार इन्हें
हायर एजुकेशन एंपावरमेंट रेग्युलेशन एजेंसी (हीरा) से बदलने की योजना बना
रही है। प्रस्तावित उच्च शिक्षा नियंत्रक को बनाने का उद्देश्य
क्षेत्रधिकार में ओवरलैप (अतिव्यापन) और अप्रासंगिक नियामक प्रावधानों को
खत्म करना है। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय तकनीकी व गैर-तकनीकी
संस्थानों को एक ही छत के नीचे लाने की योजना पर नीति आयोग के साथ मिलकर
काम कर रहा है। प्रस्तावित नियामक और उसके विधान का विस्तृत ब्लूप्रिंट
तैयार करने पर काम किया जा रहा है। एक सूत्र ने बताया, ‘नीति आयोग व एचआरडी
मंत्रलय इस पर काम कर रहे हैं। कई नियामक निकायों ने अत्यधिक व
प्रतिबंधात्मक नियम बनाए। इस कारण संस्थागत स्वायत्तता में कमी आई है।’
हालांकि एकल उच्च शिक्षा नियंत्रक की योजना नई नहीं है, बल्कि सरकार द्वारा
गठित की गई विभिन्न समितियों ने इसके लिए सिफारिश की है।
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News Update:
*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
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