चंडीगढ़ : लंबी अदालती जंग के बाद हाल ही में नियुक्ति पाने वाले साढ़े नौ
हजार जेबीटी शिक्षकों में से 1259 की नौकरी जा सकती है। हाई कोर्ट के आदेश
पर शिक्षा विभाग ने वर्ष 2011 और 2013 की संयुक्त मेरिट लिस्ट बनाई है। ऐसे
में लोअर रैंक वाले हरियाणा से 1017 और मेवात काडर के 242 जेबीटी शिक्षकों
को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
कंबाइन लिस्ट तैयार होने के बाद मौलिक
शिक्षा विभाग की निदेशक गरिमा मित्तल ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों
को 6 जून तक इनकी नियुक्ति को समाप्त करने की प्रक्रिया अमल में लाने का
निर्देश दिया है। लोअर रैंक वाले जेबीटी को नोटिस जारी कर 9 जून तक जवाब
देने का मौका दिया जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि क्यों न उनकी नियुक्ति रद कर
दी जाए। नोटिस का जवाब न देने वाले शिक्षक की नियुक्ति को रद मान लिया
जाएगा।
निदेशक मौलिक शिक्षा ने डीईईओ को भेजे पत्र में निर्देश दिए हैं कि
ये जेबीटी हाई कोर्ट के आदेशानुसार नियुक्ति के पात्र नहीं बनते हैं। इनकी
नियुक्ति रद कर मेरिट में ऊपर स्थान पर रहने वाले जेबीटी को नियुक्ति दी
जाएगी। इसके बाद डीईईओ को अनुपालना रिपोर्ट निदेशालय को भेजनी होगी। जिन
जेबीटी की नौकरी जा रही है, वे 14 अगस्त 2014 को जारी हुई 9455 शिक्षकों की
चयन सूची में शामिल रहे हैं। इन पर वर्ष 2015 में जारी दूसरी सूची में
शामिल 2500 एचटेट पास जेबीटी शिक्षक भारी पड़े। गत 8 मई को हाई कोर्ट ने
निर्देश जारी किए हैं कि सरकार विज्ञापित पदों से ज्यादा चयनित जेबीटी को
नियुक्ति नहीं दे सकती है। विज्ञापित पद 9870 हैं, इसलिए दोनों सूची की
कंबाइंड मेरिट लिस्ट के आधार पर इन्हीं पदों को भरा जाए। इसे देखते हुए
मौलिक शिक्षा विभाग ने 1259 जेबीटी की नियुक्ति रद करने का निर्णय लिया है।
लो मेरिटके कारण ये शिक्षक 9870 पदों में समायोजित नहीं हो पा रहे।
अलग-अलग मेरिट लिस्ट में कुल 12731 जेबीटी शिक्षकों के नाम हैं जिनमें से
नियुक्ति के लिए 9455 की सूची बनेगी।
भर्ती में भाग लेने की मांगी थी छूट
प्रदेश सरकार ने जेबीटी शिक्षकों के
9455 पदों के लिए 8 दिसंबर 2012 तक आवेदन मांगे थे। उस साल अध्यापक पात्रता
परीक्षा नहीं कराई गई थी। इस कारण वर्ष 2012 में जेबीटी पास करने वाले
युवा आवेदन से वंचित रह गए। इस पर कई युवाओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर
कर भर्ती में भाग लेने देने की छूट मांगी थी। इनमें से कई युवाओं ने वर्ष
2013 में आयोजित एचटेट पास कर लिया। उन्होंने हाई कोर्ट से मांग की थी कि
उन्हें वर्ष 2012 की भर्ती में आवेदन का मौका दिया जाए अन्यथा भर्ती रद की
जाए। इस पर कोर्ट ने 2013 में एचटेट पास युवाओं को भर्ती में भाग लेने की
छूट दे दी।
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