नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि
यदि सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) छात्रों के अंक जोड़ के
दौरान गलती कर सकता है तो उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन में भी
गलती की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि पुनर्मूल्यांकन के
दौरान कई छात्रों के अंकों में 35 से 40 फीसद तक का इजाफा हुआ।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति एके चावला की खंडपीठ ने सीबीएसई
को निर्देश दिया कि वह अपनी प्रबंधन समिति और परीक्षा समिति के उस निर्णय
की कॉपी अदालत के समक्ष रखे, जिसमें पुनर्मूल्यांकन को रद कर दिया गया था।
साथ ही कहा गया कि वह 21 जून को अगली तारीख पर याची द्वारा पुनर्मूल्यांकन
के लिए बताए गए विषयों में अपनी मार्किंग स्कीम को भी अदालत के समक्ष रखे।
हाई कोर्ट के समक्ष सऊदी अरब में सीबीएसई की परीक्षा देने वाले छात्र और
दिल्ली के कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई चल रही है। इन छात्रों ने ओडिशा
हाई कोर्ट द्वारा सीबीएसई को 150 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के
पुनर्मूल्यांकन का आदेश देने पर समानता के आधार पर हाई कोर्ट में उनकी
उत्तर पुस्तिका के पुनमरूल्यांकन के लिए याचिका लगाई है।
मानवीय भूल के कारण मूल्यांकन में हुईं गलतियां :सीबीएसई
सीबीएसई की मूल्याकंन प्रणाली पर उठ रहे सवालों के बीच सीबीएसई
ने स्पष्ट किया है कि मानवीय भूल के कारण मूल्याकंन में कुछ उत्तर
पुस्तिकाओं में गलतियां हो सकती हैं। सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा परिणाम
में कुछ छात्रों के अंकों में भारी गड़बड़ी मिली थी। छात्रों ने जब अपने
अंकों की जांच के लिए सीबीएसई में आवेदन किया तो उन्हें दोगुने से अधिक अंक
प्राप्त हुए। अंकों की यह गड़बड़ी सामने आने पर मूल्याकंन प्रणाली पर सवाल
उठने लगे थे। सीबीएसई प्रवक्ता रमा शर्मा ने सोमवार को स्पष्टीकरण जारी
करते हुए कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए विषय के पांरगत और
अनुभवी शिक्षकों का चुनाव किया जाता है। बोर्ड की नीति के तहत देश के 2000
मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने में काफी बारीक
बिंदुओं का भी ध्यान रखा जाता है। इन सबके बावजूद कभी अंकों को कंप्यूटर
सिस्टम पर अपलोड करने और उत्तर पुस्तिकाओं के मुख्य पृष्ठ पर कुल अंक अंकित
करने में मानवीय गलती हो सकती है, जिसकी संभावना 0.002 फीसद है। प्रवक्ता
द्वारा जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि इस बार कक्षा 12वीं की उत्तर
पुस्तिकाओं की दोबारा जांच के लिए 2.47 फीसद छात्रों ने आवेदन किया है। यह
आंकड़ा तीन वर्षो से इसके ही आसपास चल रहा है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.