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Friday, 16 June 2017

सरकार की मंशा : जेबीटी की नौकरी भी बनी रहे और हाईकोर्ट की अवमानना से भी बचा जा सके

जेबीटी नियुक्ति मामला : 1259 जेबीटी को नोटिस पर कोर्ट के स्टे का एजी कर रहे हैं अध्ययन 
राजधानी हरियाणा : जेबीटी भर्ती मामले में 1259 को स्टे मिलने के बाद अब शिक्षा विभाग बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में है। कोर्ट के स्टे आर्डर का एजी विभाग अध्ययन कर रहा है। संभावना यह तलाशी जा रही है कि ऐसा कोई बीच का रास्ता निकला जाए, जिससे इन जेबीटी की नौकरी भी बची रहे और कोर्ट की अवमानना से भी बचा जा सके। 

इसी सोच को सामने रखकर शिक्षा विभाग ने कानूनी विशेषज्ञों की राय ली है। 1259 पर जो स्टे दिया है, विभाग इसे चुनौती दे। इसकी संभावना कम नजर रही है। इसकी जगह विभाग कोर्ट के सामने उनके पहले के दिए गए निर्णय रखकर कोर्ट से ही पूछा जाए कि इन हालात में क्या किया जाए। 
माना जा रहा है कि विभाग इसी कानूनी नुकते पर काम कर रहा है। क्योंकि जिस तरह से यह जेबीटी का मामला गर्म होता जा रहा है, इससे सरकार टकराव का रास्ता अपनाने से बच रही है। अगर ऐसा होता है तो 1259 जेबीटी को भी नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो सकता है। शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि इस मामले को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। सरकार हर किसी की नौकरी बचानी चाह रही है। इसी को लेकर इतनी कोशिश हो रही है। उम्मीद है जल्दी ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। बता दें कि सरकार को मेरिट सूची से बाहर हुए 1259 जेबीटी के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए सरकार नौकरी बचाने के प्रयास कर रही है। 

और लटक सकता है मामला
1259 टीचर को क्योंकि कोर्ट ने स्टे दे दिया,अब यह मामला भी पहले से चल रहे जेबीटी भर्ती मामलों के साथ ही जुड़ जाएगा। कानून के जानकारों का मानना है कि दोनों मामलों में एक साथ स्टे पर भी बहस होगी। शिक्षा विभाग की कोशिश है कि कानूनी विशेषज्ञ ऐसा कोई रास्ता निकाल लें, जिससे बिना किसी को नौकरी से निकाले यह ज्वाइनिंग प्रक्रिया पूरी हो जाए। यदि ऐसा नहीं होता तो जेबीटी ज्वाइनिंग लटक भी सकती है। क्योंकि तब कोर्ट के आर्डर के बाद ही यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस भर्ती के आवेदक सालों से नियुक्ति पाने का इंतजार कर रहे हैं, कुछ ऐसे हैं, जो 5 माह बाद रिटायर हो जाएंगे। 
शिक्षा विभाग के पास 2 विकल्प : हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करे और जेबीटी को नई ज्वाइनिंग दे 
अबशिक्षा विभाग के पास दो ही विकल्प बचते हैं, 1259 टीचर को अगले आर्डर तक ऐसे ही रहने दिया जाए। दूसरा विकल्प है नई ज्वाइनिंग दी जाए। दिक्कत यह है कि यदि संयुक्त मेरिट लिस्ट के आधार पर ज्वाइनिंग नहीं दी जाती तो इस लिस्ट में मैरिट पर आए उम्मीदवार कोर्ट में अवमानना का मामला डाल सकते हैं। इधर, यदि 1259 टीचर को नौकरी में रखते हुए संयुक्त मेरिट लिस्ट वाले उम्मीदवारों को भी ज्वाइन कराया जाता है तो भी कोर्ट की अवमानना होगी, क्योंकि कोर्ट ने सीट बढ़ाने पर भी रोक लगा रखी है। 

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