एएसआई ने ही गिरोह के सरगना
एकेडमी संचालक अजय पार्टनर सुधीर के साथ मिलकर गोरखधंधे की प्लानिंग बनाई
और फर्जी रिलीविंग ऑर्डर तैयार करने का सुझाव दिया। पुलिस अब एएसआई को
गिरफ्तार करेगी। 7 मार्च को गांव बोहर स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक
विद्यालय में बोर्ड परीक्षा के पहले दिन 10वीं कक्षा की परीक्षा थी, चेकिंग
के दौरान बोर्ड द्वारा नामित अध्यापकों के स्थान पर चार अन्य युवक फर्जी
टीचर बन ड्यूटी देते पकड़े गए। आरोपियों की पहचान झज्जर के गांव सिवाना
निवासी अमित, सोनीपत के गांव खांडा निवासी कपिल, सोनीपत के गांव पीपली
निवासी हरबीर तथा हसनगढ़ निवासी संदीप के रूप में हुई थी। इनके अलावा
परीक्षा केंद्र पर तैनात तीन फर्जी टीचर भाग गए थे। अर्बन एस्टेट पुलिस ने
झज्जर निवासी अजय को गिरोह का सरगना बताया था। अजय बोहर में स्कूल शीला
बाइपास चौक पर एकेडमी चलाता है।
पत्नी के नाम पर खरखौदा में एकेडमी चलाता है एएसआई
सीआईएने
नए सिरे से जांच शुरू करते हुए ड्यूटी के लिए भिवानी बोर्ड द्वारा नामित
अध्यापकों को बुलाया है। इसके अलावा ड्यूटी देते पकड़े गए फर्जी टीचर्स को
भी दोबारा बुलाया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच में दिल्ली पुलिस के
एएसआई वीरेंद्र की संलिप्तता सामने आई है। पुलिस के मुताबिक वीरेंद्र अपनी
पत्नी के नाम पर खरखौदा में एकेडमी चलाता है और उसने अजय सुधीर के साथ
मिलकर फर्जी रिलीविंग लेटर तैयार करने परीक्षा में फर्जी टीचर तैनात करने
की प्लानिंग बनाई थी। सरगना अजय की पहली डिसक्लोजर में सिर्फ पार्टनर का
नाम आया, लेकिन दूसरी डिसक्लोजर में एएसआई वीरेंद्र को पूरे षड्यंत्र में
शामिल बताया गया है।
सरगना अजय के पार्टनर सुधीर ने पिछले माह कोर्ट
में सरेंडर कर जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था।
इसके बाद पुलिस ने उसे जांच में शामिल किया। सुधीर ने गिरोह में खुद के
शामिल होने की बात कहते हुए अजय को पूरे मामले का सूत्रधार बताया। बताया कि
वह सिर्फ अजय के साथ काम करता था। बोर्ड परीक्षा में नकल कराने या फर्जी
टीचर तैनात करने से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
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