चंडीगढ़ : 2011 और 2013 में चयनित जेबीटी की संयुक्त मेरिट लिस्ट बनाने से
जिन 1259 अध्यापकों की नौकरी चली गई, उन्हें राहत के लिए राज्य सरकार ने
तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव ने शिक्षा विभाग
के अधिकारियों व मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसरों से बातचीत के बाद
आंदोलनकारी जेबीटी को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
पात्र अध्यापक संघ
हरियाणा के आह्वान पर यह जेबीटी पंचकूला स्थित शिक्षा निदेशालय पर क्रमिक
अनशन कर रहे हैं। 2013 में चयनित जेबीटी की मेरिट लिस्ट बनने के बाद जिन
जेबीटी शिक्षकों की जांच लंबित थी और दस्तावेजों में जान बूझकर खामियां
बताई जा रही थी, उनके समाधान के लिए यह क्रमिक अनशन शुरू किया गया था। मगर
2011 व 2011 की संयुक्त जेबीटी मेरिट लिस्ट बनने के बाद नौकरी से हटाए जा
रहे 1259 जेबीटी भी इस आंदोलन में शामिल हो गए। सोमवार को जेबीटी महिला
शिक्षकों ने अपनी चुनरियां उतारकर शिक्षा निदेशालय के बाहर फेंक दी थी और
उनमें आग लगा दी थी। कई शिक्षकों ने आत्महत्या की कोशिश की तो कुछ आग पर
चलने लगे। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने हालांकि सोमवार
को ही इन आंदोलनकारियों को हाई कोर्ट में 1259 जेबीटी को हटाने के आदेश पर
पुनर्विचार याचिका दायर करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन मंगलवार को आंदोलन
बढ़ता देख हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन एवं सीएम के पूर्व ओएसडी
जवाहर यादव मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की।
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