चंडीगढ़ : हिंदी अध्यापकों की
अनदेखी पर शिक्षकों में रोष है। हिंदी अध्यापक संघ के राज्य प्रधान कृष्ण
कुमार निर्माण, उप प्रधान अनिल स्वामी और सरला वर्मा ने कहा कि किसी तीसरी
भाषा के शिक्षकों से हिंदी पढ़वा कर उनके हितों पर कुठाराघात किया जा रहा
है। जानबूझ कर उनकी पदोन्नति लटका दी गई और अंतर जिला तबादलों से वंचित
रखा। संस्कृत ओटी को बीएड के समकक्ष माना गया, लेकिन हिंदी ओटी को नहीं। यह
भेदभाव खत्म हो।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.