** सीनियर सेकेंडरी में होगी सभी प्रमुख अखबारों व मैगजीन की खरीद , स्कूलों के पुस्तकालयों में होगा ताजा जानकारियों का भरपूर भंडार
रोहतक :अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का करंट अफेयर भी मजबूत होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में इसके लिए नई योजना तैयार की गई है। इसके तहत प्रदेश के सभी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सभी प्रसिद्ध समाचारों पत्रों और पत्रिकाओं की खरीद होगी। इतना नहीं सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में अद्यतन जानकारियों का भरपूर भंडार रखा जाएगा। 1बता दें कि विभाग की ओर से नौवीं से 12वीं तक के सभी सरकारी स्कूलों में बनी लाइब्रेरी के लिए हर साल 10 हजार रुपये की ग्रांट प्रदान की जाती है। इस ग्रांट से स्कूलों में पुस्तकें खरीदी जाती है। इस बार इस ग्रांट से पुस्तकों के साथ ही न्यूजपेपर व मैगजीन भी खरीदी जाएंगी और उनको लाइब्रेरी में रखा जाएगा। दस हजार की राशि में से साढ़े तीन हजार रुपये के न्यूजपेपर व मैगजीन खरीदे जाएंगे जबकि बाकि साढ़े छह हजार रुपये की राशि से सिलेबस की पुस्तकें खरीदी जाएगी।
इस मामले को लेकर विभाग के आला अधिकारियों की बैठक हाल ही में पंचकूला में हुई थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया है। विभाग के इस निर्णय से सभी जिला अधिकारियों व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के प्राचार्यो को अवगत कराया गया है। वहीं अगले महीने तक इसका बजट भी स्कूलों में पहुंचने की उम्मीद है।
पहले खरीदते थे सिर्फ पुस्तकें
सरकारी स्कूलों में हालांकि बजट पहले भी पुस्तकों के लिए ग्रांट दी जाती थी लेकिन खास बात यह है कि इस बार इसमें न्यूजपेपर व मैगजीन के लिए भी अलग से प्रावधान किया गया है। न्यूजपेपर व मैगजीन पर साढ़े तीन हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं स्कूल में जरूरतमंद विद्यार्थियों को लाइब्रेरी से आसानी से पुस्तक उपलब्ध हो सकेंगी।
"स्कूलों की लाइब्रेरी में इस बार न्यूजपेपर व मैगजीन लगाए जाने की सूचना मिली है। इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा। उनका करंट अफेयर बढ़िया बनेगी। विभाग का यह निर्णय सराहनीय है। इससे भविष्य में अच्छे परिणाम आने की उम्मीद है।"-- जयपाल सिंह, प्राचार्य, राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल सांघी
"सर्व शिक्षा अभियान के तहत के सभी सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में दिए जाने ग्रांट में इस बार न्यूजपेपर व मैगजीन को को शामिल किया गया है। जिससे विद्यार्थियों का करंट अफेयर तरोताजा रहेगा और उनको सिलेबस की पुस्तकों की समस्या भी पेश नहीं आएगी। सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधाएं दिए जाने के लिए विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।"-- रामअवतार शर्मा, जिला परियोजना समन्वयक
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