चंडीगढ़ : संयुक्त मेरिट लिस्ट बनने से लो-मेरिट का शिकार होकर नौकरी से
हटने वाले 1259 जेबीटी शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने
होमवर्क पूरा कर लिया है। शिक्षा सचिव पीके दास के अनुसार जल्द ही हाईकोर्ट
में पुनर्विचार याचिका लगाई जाएगी।
इस संबंध में सोमवार को जेबीटी
शिक्षकों की मुख्यमंत्री मनोहरलाल के पूर्व ओएसडी एवं हरियाणा आवास बोर्ड
के चेयरमैन जवाहर यादव से भी बातचीत हुई। यादव ने शिक्षा निदेशालय के पास
पहुंचकर शाम साढ़े सात बजे जेबीटी शिक्षकों का धरना खत्म कराया। इसके पहले
हरियाणा पात्र अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र श्र्मा के नेतृत्व में आठ
सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मौलिक शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक वंदना
दिसोदिया से पंचकूला में मिलकर नोटिस का जवाब देने के लिए कम से कम एक
महीने का समय देने की मांग भी की। हालांकि उन्हें इस संबंध में राहत नहीं
मिली और 6 जून तक जारी नोटिस का 9 जून तक सभी 1259 जेबीटी को जवाब देना
जरूरी है, अन्यथा विभाग उनकी नियुक्ति को रद मान लेगा।
सबको नियुक्ति देना
चाहती है सरकार
अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से बातचीत हुई। दास ने कहा
कि सरकार सभी जेबीटी को नियुक्ति देना चाहती है, लेकिन बीते 8 अप्रैल के
हाईकोर्ट के आदेश अनुसार संयुक्त मेरिट लिस्ट के आधार पर 9870 जेबीटी को ही
पहले नियुक्ति मिलेगी।
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