** तबादला नीति में फेरबदल : गंभीर बीमार व दिव्यांगों को मिलेंगे मनपसंद स्टेशन, ट्रांसफर को अंक 78 से बढ़कर 80 हुए
चंडीगढ़ : भ्रष्टाचार को खत्म कर चुकी हरियाणा की शिक्षक तबादला नीति को और
बेहतर बनाया गया है। पिछले साल ऑनलाइन तबादलों के दौरान आई मुश्किलों को
दूर करते हुए शिक्षक संगठनों के अहम सुझावों को तरजीह दी गई है। दिव्यांग
या गंभीर बीमारियों से ग्रस्त शिक्षकों को मनपसंद स्कूल मिलेगा। लड़कियों
के स्कूल में 50 साल से अधिक उम्र के ही शिक्षकों की नियुक्ति की बाध्यता
सरकार ने अब खत्म कर दी है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
पीके दास ने माध्यमिक शिक्षा और मौलिक शिक्षा निदेशकों को पॉलिसी में हुए
संशोधन की लिखित सूचना भेजी है। इसके मुताबिक हर साल मार्च में तबादला
प्रक्रिया शुरू होगी जो मई के अंत तक पूरी हो जाएगी। जून में तबादले
होंगे।
अध्यापकों को दो वगोर्ं कोर पोस्ट (सामान्य विद्यालयों में कार्यरत
अध्यापक) और नॉन कोर पोस्ट (अन्य कहीं प्रति नियुक्त) में बांटा गया है।
तबादले के लिए कुल अंक 78 से बढ़ा कर 80 किए गए हैं। आयु के अंकों को 58 से
बढ़ाकर 60 किया गया है। कपल केस में महिला अध्यापिका को पांच अंक मिलेंगे।
सौ फीसद दिव्यांगों, कैंसर रोगी, दिल की बायपास सर्जरी, किडनी
ट्रांसप्लांट और डायलिसिस की स्थिति में 80 अंक की वेटेज मिलेगी। अध्यापकों
की कमी होने पर कुछ पद होल्ड किए जा सकते हैं। न चाहने पर एनसीसी
अध्यापकों का तबादला नहीं होगा, लेकिन ट्रांसफर के लिए आवेदन करने पर
उन्हें सामान्य अध्यापकों की श्रेणी में रखा जाएगा। जोन सात व छह के नियम
जोन पांच पर भी लागू होंगे और एक ही जोन में कई जिलों के स्कूल शामिल हो
सकेंगे। महिला शिक्षकों को शादी, तलाक या विधवा होने पर समय पूरा न होने के
बावजूद तबादला प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा।
स्कूल शिक्षा
विभाग ने अध्यापक स्थानांतरण नीति के तहत स्कूलों के जोन से संबंधित सुझाव
एवं आपत्तियां मांगी हैं। अगर कोई हितधारक सोचता है कि पहले से नोटिफाइड
स्कूल का
जोन संशोधित होना चाहिए तो वह साथ लगते स्कूलों के अन्य जोन में होने जैसा
ठोस कारण देकर संशोधन के लिए सुझाव दे सकता है। संबंधित जिला शिक्षा
अधिकारी को यह सुझाव 8 जून तक ई-मेल से भेजने होंगे।
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