** पे बैंड फोर में गए शिक्षकों को दे दी वेतन वृद्धियां
कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रशासन (निट) ने शिक्षकों को
पीएचडी की अग्रिम वेतन वृद्धि को वापस लेने के आदेश जारी किए हैं।
शिक्षकों को 2008 से ये वेतन वृद्धि दी जा रही थी। 1हालांकि अभी तक प्रशासन
की ओर से रिकवरी के लिए कोई फैसला नहीं किया। मगर शिक्षकों को इस फैसले के
बाद प्रति माह लगभग पांच हजार से ज्यादा का नुकसान होना तय है। निट
प्रशासन ने इस मामले में 26 मई को अधिसूचना जारी की है। हालांकि यह फैसला
गत 31 जनवरी को लिया गया था।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रशासन ने
वर्ष 2008 में कुछ जूनियर शिक्षकों को सेवा के दौरान पीएचडी करने की तीन
अग्रिम वेतन वृद्धियां प्रदान की थी। इस कारण कई शिक्षकों का वेतन सीनियर
शिक्षकों से ज्यादा हो गया था, जिसके विरोध में सीनियर शिक्षक हाई कोर्ट
चले गए थे। कोर्ट ने सीनियर शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पिछले
वर्ष निट प्रशासन को वेतन विसंगतियां दूर करने के आदेश दिए थे। निट प्रशासन
के इस फैसले के 12 शिक्षक प्रभावित होंगे।
अधिकारियों से करेंगे बात
निट प्रवक्ता
डॉ. गोपाल कृष्ण का कहना है कि वे भी इससे प्रभावित हैं। इसलिए वे संस्थान
की ओर से पक्ष नहीं दे सकते। बृहस्पतिवार को अधिकारियों से बात कर के बाद
ही कुछ कह पाएंगे। फिलहाल इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।
ऐसे ज्यादा हो गया था सीनियर से अधिक वेतन
यूजीसी ने छठे वेतन आयोग की
सिफारिशों में शिक्षकों को पीएचडी की अग्रिम वेतन वृद्धियां प्रदान की थी।
इसके अनुसार नियुक्ति प्राप्त करने से पहले पीएचडी करने वाले को शिक्षकों
को पांच अग्रिम और सेवा के दौरान पीएचडी करने वाले शिक्षकों को तीन अग्रिम
वेतन वृद्धि प्रदान की गई थी। मगर उसमें नियम था कि यह लाभ पे बैंड फोर में
गए शिक्षकों को नहीं मिल सकता। मगर निट प्रशासन ने पे बैंड फोर में पहुंच
चुके शिक्षकों को भी यह लाभ दे दिया था। इससे जूनियर शिक्षकों का वेतन
सीनियर से ज्यादा हो गया था।
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