नई दिल्ली : राजधानी के राजकीय स्कूलों में आठ फीसद से भी कम विद्यार्थी
डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनने के योग्य हैं। शैक्षणिक सत्र 2017-18
में मात्र 7846 विद्यार्थी विज्ञान वर्ग से बारहवीं की बोर्ड परीक्षा
देंगे, जबकि कला, विज्ञान और कॉमर्स वर्ग से एक लाख से अधिक विद्यार्थी
12वीं में पढ़ रहे हैं। अखिल भारतीय अभिभावक संघ को सूचना के अधिकार
(आरटीआइ) के तहत यह जानकारी मिली है।
वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 11वीं में
10,404 विद्यार्थियों ने विज्ञान वर्ग, 25,168 ने कॉमर्स और 1,03,228
विद्यार्थियों ने कला वर्ग में दाखिला लिया था। इसमें से विज्ञान वर्ग के
मात्र 7,846 विद्यार्थी 12वीं बोर्ड की परीक्षा देंगे। अखिल भारतीय अभिभावक
संघ के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि यह भी जांच का विषय है कि इन
बच्चों को क्या योग्य शिक्षक और बेहतर विज्ञान लैब की सुविधा मिल रही है।
नौवीं के परीक्षा परिणाम में 50 फीसद तक गिरावट
राजकीय स्कूलों में नौवीं
का परीक्षा परिणाम पिछले कुछ वर्षो में पचास फीसद से भी नीचे आ गया है।
वर्ष 2014-15 में 2,46749 विद्यार्थियों ने नौवीं में दाखिला लिया था,
जिसमें से 1,27,667 विद्यार्थी ही दसवीं में प्रवेश कर सके। वर्ष 2015-16
में 2,69,703 विद्यार्थियों को नौवीं में दाखिला मिला था, जिसमें से
1,36,962 विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा पास कर सके। वहीं, 2016-17 में नौवीं
में पढ़ने वाले 2,44,636 विद्यार्थियों में से 1,27,904 ही परीक्षा पास कर
दसवीं में प्रवेश कर सके।
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