** परीक्षा 45 दिनों की बजाए एक महीने में पूरी कराने की कोशिश की जाएगी
नई दिल्ली : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी
एजुकेशन (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की परीक्षा अगले साल से मार्च की जगह
फरवरी में शुरू होगी। मूल्यांकन में रहीं गड़बड़ियों की वजह से यह फैसला
किया गया है। बोर्ड इसमें सुधार लाना चाहता है। यह भी तय किया गया है कि
परीक्षा 45 दिन की बजाय एक महीने में पूरी करा लेने की कोशिश की जाएगी।
फिलहाल सीबीएसई की परीक्षा 1 मार्च से शुरू होती है और करीब 20 अप्रैल तक
चलती है। रिजल्ट मई के तीसरे या चौथे हफ्ते में आते हैं। सीबीएसई के
अध्यक्ष आरके चतुर्वेदी ने कहा, 'अगले सेशन से परीक्षा 15 फरवरी के आसपास
शुरू हो जाएगी और करीब एक महीने में इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। इससे
रिजल्ट जल्दी जारी करने में मदद मिलेगी।
सीबीएसई का मानना है कि रिजल्ट का
एेलान जल्द होने से स्टूडेंट्स को आगे के एडमिशन में भी मदद मिलेगी। अभी
रिजल्ट जारी होने और अंडरग्रेज्युएट के लिए एडमिशन का वक्त लगभग एक ही रहता
है, इसलिए स्टूडेंट्स के बीच हड़बड़ी रहती है।
नई स्कीम के तहत,
सीबीएसई उम्मीद कर रहा है कि मूल्यांकन में सबसे अच्छे टीचर्स को लगाया
जाए। उनके लिए दो ट्रेनिंग सेशन भी करवाए जाएंगे। ये दिसंबर से शुरू किए जा
रहे हैं। हर साल देशभर के 2000 सेंटर्स पर 10वीं, 12वीं की कॉपियां चेक
करने के काम में करीब 50 हजार टीचर्स को लगाया जाता है। इनमें से ज्यादातर
सेंटर्स केंद्रीय विद्यालयों में होते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने उठाया सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई
के मूल्यांकन को लेकर सख्त टिप्पणी की थी। दरअसल, उत्तर पुस्तिकाओं के
पुनर्मूल्यांकन पर रोक संबंधी सीबीएसई के नोटिफिकेशन के खिलाफ देश भर में
लगाई जा रही याचिकाओं को देखते हुए हाईकोर्ट ने इसकी समीक्षा का निर्णय
लिया है। जज संजीव सचदेवा और एके चावला की खंडपीठ ने कहा कि अगर सीबीएसई
छात्रों के अंक जोड़ने के दौरान गलती कर सकता है तो छात्रों की उत्तर
पुस्तिका के मूल्यांकन के दौरान भी गलती की संभावना है। इसे दुरुस्त किया
जाना चाहिए।
मूल्यांकन में बेस्ट टीचर्स की मदद ले पाएंगे
चतुर्वेदी के
मुताबिक, 'अप्रैल तक छुट्टियां हो जाती हैं और अनुभवी टीचर्स मिल नहीं
पाते। ऐसे में मार्च के बीच में मूल्यांकन शुरू करने से तय है कि हमें
कॉपियां चेक करने के लिए सबसे अच्छे टीचर्स मिल पाएंगे।' उन्होंने कहा,
'फिलहाल कॉपियां चेक करने का काम अप्रैल की छुट्टियों में होता है, स्कूल
टेम्परेरी, एड-हॉक और नए अप्वॉइंट किए हुए टीचर्स को कॉपियां चेक करने के
लिए दे पाते हैं। बोर्ड को इससे बगैर गलतियों के रिजल्ट बनाने के काम में
कुछ राहत भी मिलेगी।'
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