दरअसल 2011 में एचटेट करने वाले उम्मीदवारों
में से 9870 को उस समय जेबीटी को नौकरी दी गई थी। लेकिन बाद में 2014-15
में करीब 2500 ने एचटेट पास किया तो उन्होंने कहा कि बीच में एचटेट नहीं
करवाया गया, इसलिए वो इस नौकरी का फायदा नहीं ले पाए और वो कोर्ट चले गए।
अप्रैल माह में हाईकोर्ट ने नवचयनित 9870 जेबीटी को ज्वाइन करवाने के लिए
आदेश दे दिए। जिसके बाद जिला मुख्यालयों पर इनकी ज्वाइनिंग करवा दी गई। बाद
में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि एक ज्वाइंट मेरिट लिस्ट बनाए और अधिकतम
9870 को ही ज्वाइनिंग दी जाए। जिस पर शिक्षा विभाग ने ज्वाइंट मेरिट लिस्ट
बनाई तो उसमें प्रदेश के 1259 जेबीटी बाहर हो गए।
लिस्ट से बाहर वालों के नियुक्ति पत्र रद्द करने के बाद ज्वाइनिंग
जिन जेबीटी
का इस मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आया जैसे ही उनको नोटिस मिले तो वो फिर से
हाईकोर्ट में चले गए। जहां 8 जून को सुनवाई हुई तो कोर्ट ने यथास्थिति
बनाए रखने के आदेश दिए। आदेश के बाद अब विभाग ने जिला मुख्यालयों को पत्र
भेज कर स्थिति स्पष्ट की है कि पहले बाहर हुए जेबीटी के नियुक्ति पत्र रद्द
किए जाएं और बाद में नए शामिल को ज्वाइनिंग दी जाए।
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