देहरादून : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है
कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध विद्यालयों में
मनमाना शुल्क वसूलने समेत दूसरी शिकायतों की पड़ताल के लिए मॉनीटरिंग
एजेंसी गठित की जाएगी। यह एजेंसी सभी पहलुओं का अध्ययन कर नई गाइडलाइन
तैयार करेगी। सोमवार को देहरादून में यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड
इनर्जी स्टडीज के दीक्षा समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में जावड़ेकर
ने कहा कि सीबीएसई 27 तरह की परीक्षाओं के संचालन से लेकर कई नए पाठ्यक्रम
बखूबी चला रहा है। इसके बावजूद बोर्ड से संबद्ध कुछ निजी शिक्षण संस्थान
शुल्क आदि के मानकों को गंभीरता से नहीं ले रहे। इनमें प्रबंधन की मनमानी
और विद्यार्थियों से तय मानक से अधिक शुल्क वसूलने जैसे मामले प्रकाश में आ
रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए मॉनीटरिंग एजेंसी गठित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर लूटखसोट बर्दाश्त नहीं
की जाएगी। मंत्रलय को भी शिकायतें मिली हैं। बोर्ड से संबद्ध कुछ निजी
स्कूलों में न सिर्फ मनमाना शुल्क, बल्कि पाठ्यसामग्री, रीएडमिशन
फीस,बिल्डिंग फंड के साथ ही ड्रेस तक स्कूल से खरीदने की अनिवार्यता है।
ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों पर बोझ पड़ रहा है। कई मर्तबा
अभिभावक आवाज बुलंद भी कर चुके हैं, प्रबंधन के रसूख और स्कूलों से बच्चों
को बेदखल करने के भय से वे पीछे हट जाते हैं।
पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट
जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
सपने के अनुरूप देश को वर्ष 2030 तक साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में
विश्व की तीसरी बड़ी ताकत बनाने की दिशा में ठोस प्रयास जारी हैं। मंत्रलय
ने 58 देशों की 600 से ज्यादा फैकल्टी को भारत में आमंत्रित कर शिक्षा के
ग्लोबल रिफार्म पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि गैर पारंपरिक ऊर्जा के
क्षेत्र में भी देश तेजी से तरक्की कर रहा है, जो भविष्य में ऊर्जा जरूरतों
का बड़ा आधार बनेगा।
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