पानीपत : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) इस वर्ष से कक्षा 9वीं व 11वीं में ओपन टेक्स्ट बेस्ड एसेसमेंट (ओटीबीए) शुरू करने जा रहा है। इसके लिए शहर के स्कूलों में बोर्ड द्वारा भेजे गए मटेरियल से शिक्षक विद्यार्थियों को ओटीबीए की तैयारी कराने में लगे हैं। इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने से शिक्षकों को इसे समझने में परेशानी हो रही है, लेकिन स्टूडेंट्स की इसके प्रति बढ़ते रुझान के कारण टीचर भी ओटीबीए की तैयारी कराने में उत्साहित हैं।
इस बार परीक्षा के दौरान विषय परीक्षा के अलावा ओटीबीए के लिए स्टूडेंट्स को 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इससे परीक्षार्थियों को 10 नंबर भी प्राप्त होंगे। बोर्ड का कहना है कि ओटीबीए शुरू होने से विद्यार्थियों में विषयों को रट्टा मारने की आदत खत्म होगी और परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों पर पडऩे वाला दबाव भी कम होगा। इससे विद्यार्थी लाभांवित होंगे।
इन विषयों के लिए होगा ओटीबीए
पहले साल ओटीबीए में कक्षा 9वीं में इंग्लिश, हिंदी, मैथ, साइंस व सोशल साइंस व 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स को जियोग्राफी, इकोनॉमिक्स व बायोलॉजी विषयों में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने छात्रों को पहले से ही केस स्टडीज, ग्राफिक्स, आर्टिकल्स और तस्वीरों के साथ स्टडी मटेरियल उपलब्ध करा रहा है। ताकि छात्र विशेष तरह के सवालों के बारे में अपनी समझ बना सकें और बोर्ड को नए सुझाव मिल सके।
छात्रों को मिलेगा लाभ
"स्टूडेंट्स शब्दों को याद कर अपने माइंड में भर रहे थे, लेकिन उन्हें उन शब्दों का ज्ञान नहीं था। ओटीबीए से रट्टा मारने की आदत से निजात मिलेगी।"--विजेंद्र मान, सचिव, सहोदय
"स्कूल में ओटीबीए के लिए तैयारी कराई जा रही है। स्टूडेंट भी इसमें रुचि ले रहे हैं। इससे स्टूडेंट को जरूर फायदा मिलेगा।"--विनीता कुमार तोमर, प्रिंसिपल, दयाल सिंह स्कूल
"ओटीबीए स्टूडेंट के पढ़ाई स्तर में नया बदलाव लाएगा। अभी तक रट्टा मारकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट अब विषयों की गहनता से जानकारी लेंगे।"--मंजू सेतिया, प्रिंसिपल डॉ. एमकेके स्कूल
सवाल व उत्तर दोनों होंगे पाठ्य सामग्री मे
ओटीबीए के तहत परीक्षा के दौरान स्टूडेंट को विषय वस्तु से संबंधित मटेरियल दिया जाएगा। यह आर्टिकल, केस स्टडी, डायग्राम, कॉन्सेप्ट नोट, पिक्चर या कार्टून, प्रॉब्लम बेस्ड हो सकता है। इसमें सवाल और उत्तर दोनों होंगे। सवालों को इस तरह तैयार किया जाएगा कि छात्रों के एप्टीट्यूड टेस्ट की परीक्षा हो सके। इसमें सिचुएशनल सवालों के जरिए कोशिश होगी कि छात्रों को आउट ऑफ बॉक्स सोचने के लिए प्रेरित किया जा सके। db
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