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Thursday, 2 January 2014

फर्जी डिग्रियों के बूते 16 साल तक सरकारी नौकरी

** नकली शिक्षा हासिल कर तैयार कर रहा था देश के कर्णधार 
** खुद अज्ञानी, जला रहा ज्ञान दीपक
** सिसाय, तेलनवाली व डाटा में दे चुका है अंग्रेजी की तालीम
हांसी : फर्जी डिग्रियों के बलबूते पर पिछले 16 वर्षो से देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के कैरियर को उज्ज्वल बनाने के लिए तालीम देते आ रहे फर्जी प्राध्यापक भारत भूषण व उसके पिता सेवानिवृत्त खंड शिक्षाधिकारी धर्मपाल को विजिलेंस पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार प्राध्यापक व उसके पिता को अदालत में पेश किया गया जहां दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। 
आरोप है कि उक्त फर्जी प्राध्यापक भारत भूषण ने अपने तत्कालीन बीईओ रहे पिता धर्मपाल के उच्च पद का दुरुपयोग करके फर्जी डिग्रियों को सत्यापित करवाकर नौकरी हासिल कर ली थी। इस नटवरलाल प्राध्यापक का भंड़ाफोड़ हांसी के वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी चौधरी ने आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना के बाद प्राध्यापक की फर्जी डिग्रियां हासिल कर विजिलेंस में शिकायत की थी और जांच के बाद डिग्रियां फर्जी पाये जाने पर विजिलेंस ने फर्जी प्राध्यापक भारतभूषण व उसके पिता सेवानिवृत्त खंड शिक्षाधिकारी धर्मपाल के खिलाफ धोखाधड़ी व योजना बनाने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। 
प्राध्यापक भारत भूषण ने 1997 में इंग्लिश लेक्चरर स्कूल कैडर की नौकरी अपनी फर्जी डिग्रियों में प्राप्त अंक व योग्यता के आधार पर हासिल कर ली और 14 साल तक वो सरकारी अधिकारियों व जिन बच्चों को तालीम दे रहा था, उनकी आंखों में धूल झोंक कर नौकरी करता आ रहा था। भारतभूषण ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हायर सेकेंडरी का सर्टिफिकेट व मगध यूनिवर्सिटी से एमए अंग्रेजी का सर्टिफिकेट लिया था। 
अधिवक्ता पीडी चौधरी को आरटीआइ के भेजे गए जवाब में इन विश्वविद्यालयों के सूचना अधिकारियों ने कहा कि भारत भूषण नाम के किसी छात्र को नवंबर 1989 व फरवरी 1994 में कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया और जो सर्टिफिकेट 1996 में जारी किया गया है, वो विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत नहीं है और उनके अभिलेख में अंकित नहीं है।
फर्जी प्राध्यापक भारत भूषण को 1997 में हरियाणा सरकार द्वारा अंग्रेजी प्राध्यापक स्कूल कैडर नियुक्त किया गया था और उसके बाद से भारत भूषण गांव सिसाय, तेलनवाली में भी बच्चों को शिक्षा दे चुका है और भंड़ाफोड़ होने के बाद भारत भूषण वर्तमान में डाटा गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में देश का उज्‍जवल भविष्य माने जाने वाले बच्चों को अंग्रेजी की तालीम दे रहा है। जिन बच्चों को इस फर्जी शिक्षक ने तालीम दी, वो बच्चे क्या वास्तव में देश का भविष्य उज्ज्वल करने में अहम साबित होंगे या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन इस फर्जी प्राध्यापक का भविष्य अब अंधकार में डूब चुका है।
पिता ने भी दिया खूब साथ
बीईओ रहते हुए कर दी पुत्र की फर्जी डिग्रियां सत्यापित
अपने पिता रतिया के तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी व हांसी के गोल कोठी क्षेत्र निवासी धर्मपाल के उच्च पद का फायदा उठाते हुए भारत भूषण ने मगध व इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हासिल की गई डिग्रियों को रतिया बीईओ की मोहर व पिता के हस्ताक्षर करवाकर सत्यापित करवा लिया और बीईओ के सत्यापन के बाद भारत भूषण को सरकारी नौकरी में जगह मिली और अब पुत्र के इस कारनामे में शामिल रहे पिता धर्मपाल पर लपेटे में आ गए हैं। स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा उठाने वाले खंड शिक्षाधिकारी धर्मपाल ने अपने ही पुत्र को फर्जी डिग्री दिलाकर उन्हें सरकारी नौकरी में लगवा दिया।                            dj

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