पंचकूला : डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (डीईओ) सावित्री सिहाग ने सभी प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजकर पूछा है कि वह किसकी परमिशन से फीस बढ़ा रहे हैं। स्कूलों से ब्यौरा मांगा गया है कि वह कितनी फीस ले रहे हैं और स्टूडेंट्स को क्या फैसिलिटीज दे रहे हैं। यह निर्देश भी दिए गए हैं कि स्कूल पेरेंट्स पर दबाव नहीं बना सकता कि वे किसी एक दुकान से ही बच्चों के लिए किताबें और वर्दियां खरीदें। पेरेंट्स किसी भी दुकान से किताबें और वर्दियां खरीद सकते हैं।
डीईओ ने डीसी डॉ. एसएस फुलिया के निर्देश पर यह नोटिस जारी किए हैं। दरअसल प्राइवेट स्कूलों ने इस सेशन से फीस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इसके विरोध में सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन, चित्रा (सेंटर ऑफ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ट्रेनिंग एंड रिसर्च) ने वीरवार को डीसी को शिकायत दी थी। इसी शिकायत के आधार पर डीसी ने डीईओ को प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजने के निर्देश दिए थे। वहीं हाईकोर्ट की जांच कमेटी की चेयरपर्सन रिटायर्ड जस्टिस किरण आनंद लाल स्पष्ट कर चुकी हैं कि पंचकूला के किसी भी स्कूल ने फीस बढ़ाने के लिए उनकी कमेटी से परमिशन नहीं ली है।
"मैंने सभी स्कूलों को नोटिस भेज दिए हैं। स्कूलों को सभी रिपोर्ट जमा करवाने के लिए कहा है। यदि कोई स्कूल ऐसा नहीं करता या फिर बोर्ड और नियमों के खिलाफ काम कर रहा है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"-- सावित्री सिहाग, डीईओ
पेरेंट्स की राय लें स्कूल
डीईओ ने सभी स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि स्टूडेंट्स से जुड़ा कोई भी फैसला लेते वक्त इसमें पेरेंट्स को भी शामिल करें। फैसला लेने से पहले पेरेंट्स के साथ मीटिंग करें। पेरेंट्स पर किसी भी तरह का दबाव न डाला जाए। db
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