शिक्षा निदेशालय ने नियुक्ति पत्र प्राप्त नव चयनित पीजीटी शिक्षकों को रविवार को पंचकूला बुलाया है। यहां विभागीय कार्रवाई पूरी कर इन शिक्षकों को स्कूल अलॉट कर दिए जाएंगे। इससे उन शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है, जिन्हें चयनित करने के बावजूद विभाग ने नियुक्ति पत्र नहीं दिया है। इन शिक्षकों का आरोप है कि योग्यता और सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं करने से उनसे कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को मौका देने की साजिश रची जा रही है। इस मामले को लेकर वे शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से मिल स्थिति स्पष्ट करने की गुहार लगाएंगे। डीएसई की वेबसाइट में डाले नोटिस के अनुसार नियुक्ति पत्र प्राप्त वे सभी उम्मीदवार 19 व 20 जनवरी को पंचकूला पहुंचने के निर्देश दिए हैं। नियुक्ति पत्र प्राप्त पीजीटी शिक्षकों को पंचकूला में जाने के बाद उन्हें स्कूल अलॉट कर दिए जाएंगे।
आज झज्जर में शिक्षामंत्री से मिलकर लगाएंगे गुहार
नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे पियुष हरित, नरेंद्र, धर्मेंद्र कुमार, राजेश कुमार, विकास, राजरतन, संजय हरित, नीरज ने इस मामले को लेकर 19 जनवरी को झज्जर में शिक्षामंत्री से मिलने तथा जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर स्थिति स्पष्ट करने की गुहार लगाएंगे। उनका कहना है कि कोई खामियां हों तो उन्हें बताया जाए ताकि सुधार किया जा सके। बिना वजह नियुक्तिपत्र जारी नहीं करने से उन्हें मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हजारों उम्मीदवार चयन के बाद भी बेरोजगार
सरकार की भेदभावपूर्ण नीति के चलते प्रदेश भर के करीब एक हजार से अधिक अभ्यर्थी शिक्षा विभाग में चयनित होकर भी बेरोजगार ही रहे। उनकी मेरिट सूची के आधार पर चयनित तो किया गया लेकिन अभी तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। इससे उनसे कम योग्यता वाले उम्मीदवारों को अपना स्कूल मिल जाएगा लेकिन वे इंतजार ही करते रहेंगे।
नियुक्ति नहीं तो रिजेक्शन लिस्ट जारी करे विभाग
मेरिट के आधार पर चयनित होने के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं पाए सैकड़ों उम्मीदवारों का कहना है कि यदि विभाग को नियुक्ति पत्र जारी नहीं करना है तो रिजेक्शन लेटर जारी करना चाहिए ताकि वे आगे की तैयारी कर सकें। इन उम्मीदवारों का कहना है कि पिछले साल मई माह में वे मेरिट के आधार पर चयनित हो चुके हैं। आज आठ माह बीत जाने के बाद भी कई बार डॉक्यूमेंट वेरिफाई हो चुके हैं। इसके बावजूद आज तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं करना समझ से परे है। उनका कहना है कि यदि सरकार अपनी भर्ती में किसी विशेष विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों को नहीं लगाना चाहती तो चयन प्रक्रिया से पहले उन विश्वविद्यालयों को ब्लेकलिस्ट करना चाहिए था। यदि ब्लैक लिस्टेड थे तो साक्षात्कार लेकर चयनित क्यों किया गया। dbrwd
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