** अधिकारी बोले बजट मीडिया से नहीं सरकार की तरफ से आएगा
सिवानी मंडी : कर्मचारियों की विधवाएं सात माह से वेतन के लिए चक्कर लगा रही हैं लेकिन सरकार की तरफ से बजट नहीं आने का जवाब सुनकर मायूस हो वापस लौट जाती हैं। ऐसे में ये परिवार सूदखोरों से मोटे ब्याज पर पैसा लेकर अपना गुजारा कर रहे हैं। उधर, खंड शिक्षा अधिकारी से जब उनका पक्ष जानना चाहा तो हैरानी और चौकाने वाला था। उनका कहना था कि उन्हें बजट नहीं होने की जानकारी दे दी गई है इसके बावजूद ये लोग उन्हें जानबूझ कर परेशान कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में सेवानिवृति से पूर्व मौत का शिकार हो चुके परिवार के आश्रितों के लिए एक्सग्रेसिया नीति के तहत अंतिम देय का प्रावधान है। आर्थिक सहायता के रूप में ऐसे परिवारों को यह वेतन संबंधित कर्मचारी की उम्र 58 वर्ष होने तक आश्रितों को दिया जाता है। सिवानी ही नहीं पूरे राज्य में ऐसे सैकड़ों परिवार है जिन्हें मई माह से सरकारी खजाने से यह वेतन नहीं मिला है। कई परिवारों को तो घर चलाने के लिए कई मुसीबतें का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें सूदखोरों का सहारा लेना पड़ रहा है जो उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। इस बारे में वेतन लेने वाली मूर्ति देवी, मीनादेवी, अनिता रानी, कृष्णा, रोशनी, कविता आदि ने बताया कि उन्हें मई माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है।
प्रदर्शन का ऐलान
उधर, राजकीय अध्यापक संघ के खंड प्रधान उमराव सिंह का कहना है कि सरकार जानबूझ कर एक्सग्रेसिया नीति में शामिल कर्मचारियों के आश्रितों के वेतन का बजट पास नहीं कर रही है। सरकार के पास फिजूलखर्ची के लिए तो बजट है लेकिन इस वेतन पर आश्रित परिवारों का सरकार को कोई ख्याल ही नहीं है। उन्होंने बताया कि संघ की तरफ से इस संबंध में जल्द ही एक बैठक कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। db
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