सिरसा : ई ब्लॉक में रहने वाले मोहित गुप्ता चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजुकेशन से एमकॉम कर रहे हैं। इस बार उनका फाइनल इयर है। वो सोच रहे हैं कि अगर जून में परीक्षा होती है तो रिजल्ट नवंबर तक आएगा। ऐसी स्थिति में उनका पूरा साल बर्बाद हो जाता है, क्योंकि उनको एडमिशन फिर नहीं मिलेगा। अगर परीक्षा मई में हो जाती हैं और परिणाम जून तक मिलता है तो उनका साल बर्बाद नहीं होगा। वहीं उनका साल भी बर्बाद नहीं होगा।बता दें कि ये केवल मोहित की बात नहीं अपितु डिस्टेंस एजुकेशन से बीए व बीकॉम कर रहे अनेक स्टूडेंट्स की कहानी है। दो सालों से तो पता नहीं चला क्योंकि कोर्स तीन साल का था मगर अब फाइनल में गैप आ जाएगा तो अगला साल बर्बाद। इस बात का पता विश्वविद्यालय प्रशासन को भी है। गैप आने वाले अगले साल तक कवर हो पाएगा मगर इतने में तीन वर्षीय कोर्स वाले स्टूडेंट्स का एक साल बर्बाद होगा।
हमारा काम परीक्षा का है : डा. पी. अगम
एग्जाम कंट्रोलर डॉ. पी. अगम कर ने कहा कि परीक्षा विभाग का काम सिर्फ परीक्षा करना होता है। जैसे डिस्टेंस एजुकेशन की तरफ से शेड्यूल आएगा हम परीक्षा करवा देंगे। इसके बाद उत्तरपुस्तिकाओं को चेक करने का काम टीचर करते हैं। जितने देरी से उत्तर पुस्तिकाएं जांची जाती हैं फिर उतना ही रिजल्ट लेट होता जाता है। पिछले दो सालों से गैप चल रहा है।
ये होगा इस बार
डिस्टेंस एजुकेशन से बीए व बीकॉम कर रहे स्टूडेंट्स की परीक्षा जून में होगी। इसके बाद पेपर चेक किए जाएंगे। बाद में परीक्षा विभाग रिजल्ट तैयार करेगा। संभावना जताई जा रही है रिजल्ट नवंबर तक मिलेगा। ऐसे में पासआउट स्टूडेंट्स को कहीं भी एडमिशन नहीं मिलेगा। डिस्टेंस एजुकेशन के प्रोस्पेक्ट्स की बात करें तो उसने मई-जून में पेपर व उसके 15 दिन बाद रिजल्ट का दावा किया जाता है। दो सालों का रिकॉर्ड देखे तो परीक्षा के तीन महीने बाद रिजल्ट आया है। db
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