रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च डिपार्टमेंट (इमसार) में मैनेजमेंट गुरुओं का अभाव है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। सिलेबस पूरा नहीं होने से विद्यार्थियों जॉब के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। इतना ही नहीं विभाग में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे शोधार्थी भी उनके साथ अन्याय कर रहे हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में सबसे महत्वपूर्ण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं रिसर्च काफी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन अब यहां दाखिला लेने वाले विद्यार्थी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। दो प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर के पद खाली होने से विद्यार्थियों का सिलेबस पूरा नहीं हो पाता। खाली पड़े पदों पर नई नियुक्ति नहीं हुई है। इसका खामियाजा विभाग के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो कई विषयों में तो विद्यार्थियों का सिलेबस भी पूरा नहीं हो पाता। इससे उनको परीक्षा में परेशानी उठानी पड़ती है।
शोधार्थी भी कर रहे विद्यार्थियों से अन्याय
यूजीसी द्वारा शोधार्थियों को बच्चों को पढ़ाने के लिए मेहनताना दिया जाता है। कागजों में तो विभाग में करीब 16 शोधार्थी बच्चों की कक्षाएं ले रहे हैं, इनमें से अधिकतर ऐसे हैं, जो कभी-कभार कक्षाओं में पहुंच पाते हैं। बच्चों को पढ़ाने की बजाय अपने रिसर्च वर्क में अधिक समय व्यतीत करते हैं। यहीं कारण है कि कई विषयों का सिलेबस बच्चों का पूरा नहीं हो पाता।
रिक्त पदों के लिए शीघ्र होंगे साक्षात्कार
इमसार की निदेशक प्रो. नीलम जैन से जब इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि दो प्रोफेसर सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके अलावा अन्य खाली पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है। शीघ्र ही रिक्त पदों के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की जाएगी। पढ़ाई बाधित नहीं होने दी जाएगी। dj
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