फरीदाबाद : सरकारी स्कूलों की दशा लगातार बिगड़ रही है। स्वीकृत पदों के मुताबिक अध्यापकों के न होने से स्कूलों में पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हालांकि कई स्कूलों में अतिथि अध्यापकों से व्यवस्था दुरुस्त करने का प्रयास किया गया है। फिर भी संतोषजनक स्थिति नहीं है। ताज्जुब की बात है कि जिले में 255 प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 190 विद्यालयों के लिए स्कूल मुखिया के पद स्वीकृत हैं मगर इनमें से डेढ़ सौ पद रिक्त हैं। जिले में 255 प्राइमरी विद्यालयों के लिए जेबीटी तथा स्कूल मुखिया के कुल 1600 पद स्वीकृत हैं। इनमें नौ सौ अध्यापक (स्कूल मुखिया सहित) स्थायी तथा लगभग 450 अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं। शेष पद रिक्त पड़ हैं। ऐसे ही जिले में 47 मिडल, 42 हाई तथा 43 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। अधिकांश स्कूलों में स्वीकृत पदों के लिहाज से अध्यापक नहीं हैं।
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष सुशील कण्वा कहते हैं कि स्कूलों में 20 फीसद से अधिक पद रिक्त हैं। व्यवस्था में सुधार के लिए इन पदों पर जल्द स्थायी नियुक्तियां की जानी चाहिए।
"हमने कई बार इस बारे में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से बातचीत की है। मांग की है कि स्कूलों की दशा सुधारने के लिए स्वीकृत पदों पर स्थायी अध्यापकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। हर बार सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की बात तो की जाती है, लेकिन इन पदों को भरने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जाती"--चतर सिंह, जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, हरियाणा। dj
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