कुरुक्षेत्र : हरियाणा के सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों, शिक्षा विभाग के बीईईओ, बीईओ, डिप्टी डीईओ, डीईईओ, डीईओ, डिप्टी डायरेक्टर तथा ज्वाइंट डायरेक्टर से लेकर जिला शिक्षा अधिकारियों में अपने वेतनमान को लेकर रोष व्याप्त है। यदि सरकार ने लम्बे समय से चल रही इन अधिकारियों की वेतनमान बढ़ाए जाने तथा अन्य मांगों की तरफ ध्यान नही दिया तो इन अधिकारियों का अंदर ही अंदर धधक रहा गुस्सा कभी भी फूट सकता है। एसोसिएशन द्वारा अपनी मांगों के संबंध में शिक्षा मन्त्री को दिए गए ज्ञापन के अनुसार चाहे हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां प्राप्त की हैं लेकिन शिक्षा विभाग के प्रिंसिपलों तथा अन्य अधिकारियों को छठे वेतन आयोग के अनुसार तथा पास लगते राज्यों के समान वेतनमान नहीं दिया गया।
एसोसिएशन ने शिक्षा मन्त्री को बताया कि प्रदेश में अन्य सभी शिक्षक श्रेणियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को जस का तस मान लिया गया है लेकिन प्रिंसिपलों तथा विभाग के अधिकारियों को इस वेतनमान से वंचित रखा गया है। उन्होंने जानकारी दी कि हरियाणा में स्कूल प्रिंसिपलों का वेतनमान पूरे उत्तरी भारत में सबसे कम है। उनकी मांग है कि शिक्षा विभाग के इन सभी अधिकारियों को 7600 ग्रेड पे दिया जाए तथा इन्हें कलास 1 का दर्जा दिया जाए।
एसोसिएशन के प्रधान मोहिन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि शिक्षा अधिकारियों को केवल शुरूआत में ही छठे वेतनमान के अनुसार वेतनमान नहीं दिया गया बल्कि पदोन्नति के समय भी इन्हें कोई लाभ नहीं दिया गया। जब प्रिंसीपल बीईओ बनते हैं तो इन्हें कोई इंक्रीमेंट नहीं दी जाती और न ही इनका ग्रेड बढ़ाया जाता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में डीईओ का ग्रेड पे 6400 रुपए है जबकि केन्द्र, दिल्ली , उत्तराखण्ड, हिमाचल तथा उत्तर प्रदेश में डीईओ का स्केल 7600 रुपए है। पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों में भी प्रिंसिपल का ग्रेड 6600 रुपए है। कुल मिलाकर उनका कहना है कि हरियाणा में शिक्षा विभाग के इन अधिकारियों को बहुत कम ग्रेड पे दिया जा रहा है। उन्होंने अनुरोध किया है कि उनकी इन मांगों को तुरंत माना जाए। dt
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