हिसार: शिक्षा विभाग धारा 134ए नियम में पारदर्शिता लाने के साथ इसे सख्ती से लागू करने जा रहा है। अब प्रदेश के प्राइवेट स्कूल संचालकों को गरीब विद्यार्थियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए विभाग ने सभी स्कूलों को बाकायदा अपना-अपना वेब एड्रेस, यूजर नेम व पासवर्ड जारी कर दिया है। हिसार जिले में करीब छह सौ प्राइवेट स्कूल हैं।
दरअसल, प्रदेश में धारा 134ए के तहत गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर दाखिला दिया जाता था लेकिन सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए इसे 25 फीसदी से घटाकर दस फीसदी कर दिया गया था। इसके बाद भी स्कूल संचालकों की मनमानी जारी रही। ऐसे में गरीब बच्चों को दाखिला न देने संबंधी मामला कभी शिक्षा विभाग तो कभी जन परिवाद की बैठक में उठाया गया। कुछ स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ी। यहां तक की स्कूलों में दाखिला लेने गए गरीब तबके के विद्यार्थियों को मायूस होकर लौटना पड़ा। यहीं कारण है कि शिक्षा विभाग ने उक्त नियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने वाले गरीब छात्रों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए है। अगर स्कूल ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
प्राइवेट स्कूल संचालकों को ऑनलाइन कई जानकारियां देनी होगी। धारा 134ए के तहत कितने बच्चों को दाखिला दिया, कितनी सीटें रिक्त हैं, बच्चे कहां रहते हैं और किस कक्षा में पढ़ते है इत्यादि जानकारी ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। जानकारी अधूरी दी तो विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। dj
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