अम्बाला : मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाता है। माना जाता है कि इसके साथ ही ठंड कम होनी शुरू हो जाती है। प्रशासन की ओर से स्कूलों में छुट्टियां भी मकर संक्रांति से पहले ही की जाती हैं लेकिन बुधवार को जैसे ही स्कूल खुले तो कड़ाके की ठंड ने सबके हाड़ कंपकंपा दिए। दिनभर सूर्य देव ने दर्शन नहीं दिए।
मौसम को भांप गए अभिभावकों ने तो अपने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजा। जो अभिभावक बच्चों को स्कूल भेज चुके थे वे दिनभर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहे। अभिभावक दो साल पहले स्कूल खुलते ही साहा में हुए हादसे को अभी भूल नहीं पाए हैं। अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन स्कूलों का समय बदले। घर आए तो चैन आई
परशुराम कॉलोनी निवासी संदीप व सेक्टर-10 निवासी अध्यापक सतबीर ने बताया कि उनके बच्चे सुबह स्कूल चले गए थे। ठंड को देखते हुए दिनभर चिंता सताती रही। बच्चे घर आए, तब चैन मिला।
बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजा
जलबेहड़ा रोड निवासी रेनू व कुंदन नगर निवासी राकेश भाटिया ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। ठंड इतनी ज्यादा थी कि बच्चे को स्कूल भेजना जरूरी नहीं समझा।
सर्द मौसम से अभी शहर के लोगों को राहत नहीं मिलने वाली। बुधवार दिनभर सूर्य नहीं निकला जिस वजह से दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान दो डिग्री तक गिरा। आलम यह था कि शाम से ही कोहरे की चादर बिछनी शुरू हो गई थी। रात दस बजे के बाद तो हालत खराब हो गई थी। आने वाले दिनों में भी शहर में धुंध का असर रहेगा। चंडीगढ़ मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दो-तीन दिन में जिले में हलकी बूंदाबांदी के आसार हैं। इस दौरान हवाएं भी चलेंगी। इससे तापमान में और गिरावट आ सकती है। db
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