चंडीगढ़ : प्रदेश के वित्त विभाग ने ट्रेजरी कार्यालयों में वित्त वर्ष के अंतिम दिनों बिल जमा कराने के लिए मचने वाली अफरातफरी को लेकर अभी से कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। वित्त वर्ष के अंतिम तीन कार्य दिवसों के दौरान खजाना कार्यालय में कोई बिल नहीं लिया जाएगा, सिर्फ लंबित बिलों को ही निपटाया जाएगा। विशेष मामलों में विभाग की मंजूरी जरूरी होगी।
वित्त विभाग ने फंड में पुनर्विनियोजन और परिवर्तन के संबंध में बिलों को जमा कराने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। 20 मार्च के बाद खजाना अधिकारी टीए, एलटीसी, बकाया, भत्ते और वेतन के बिल भी स्वीकार नहीं करेंगे। यदि किसी बिल को निर्धारित तारीख तक खजाना अधिकारी कारणवश अस्वीकृत करते हैं तो उस स्थिति में आनलाइन बजट उपलब्ध होने पर त्रुटि दूर कर बिल को दोबारा 25 मार्च तक जमा कराया जा सकता है। अग्रिम राशि के अलावा चिकित्सा, टीए और जीपीएफ के बिल 28 फरवरी के बाद नहीं लिए जाएंगे। ऐसी अग्रिम राशि से संबंधित बिलों की विस्तृत जानकारी 25 मार्च तक ट्रेजरी में देनी होगी। एक करोड़ से अधिक की अग्रिम राशि के मामले में 31 जनवरी तक बिल लिए जाएंगे। केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के सभी बिलों, अनुदान, च्वैच्छिक या छोटे मोटे अनुदान और छात्रवृत्ति के बिलों को 25 मार्च तक स्वीकार किया जाएगा। ईपीएस पे आर्डर ट्रेजरी द्वारा वित्त वर्ष के अंतिम दिन दोपहर 1 बजे तक तैयार किए जाएंगे और दोपहर बाद ढाई बजे संबंधित डीडीओ इन्हें प्राप्त कर सकते हैं। ताकि उन्हें बैंक में 3 बजे तक प्रस्तुत किया जा सके। अंतिम तीन कार्य दिवस में बिल और चेक खजाना अधिकारी द्वारा टोकन संख्या के अनुसार पास किए जाएंगे। dj
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