एमडीयू में अब साल 2000 के बाद से डिग्री लेने से वंचित रहने वाले विद्यार्थी भी मर्सी चांस का फायदा उठा सकेंगे। विद्यार्थियों के विरोध के चलते विवि प्रशासन ने तीन दिन बाद ही अपना फैसला बदल लिया है। इससे 50 हजार विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
तीन दिन पहले लिए फैसले के तहत विवि की ओर से जिन विद्यार्थियों का पंजीकरण साल 2004 तक रहा है, उनको मर्सी चांस देने का निर्णय लिया गया, लेकिन इसके बाद भी कुछ विद्यार्थियों ने पंजीकरण अवधि बढ़ाने की मांग उठाई। इसके बाद कुलपति ने साल 2000 में पंजीकृत पुराने सभी विद्यार्थियों को मर्सी चांस देने का फैसला लिया। बता दें कि विवि की ओर से इसके लिए स्नातक करने वालों को दो हजार रुपए, स्नातकोत्तर करने वालों के लिए तीन हजार रुपए, व्यवसायिक कोर्स के फार्म भरने वालों के लिए सात हजार रुपए की फीस अदा करनी होगी। कुलसचिव डॉ. एसपी वत्स का कहना है कि मर्सी चांस के लिए जल्द ही रूपरेखा तैयार कर दी जाएगी। इनसो ने गुरुवार को भी वीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर मांग उठाई। dbrtk
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