जींद : हाउसिंग बोर्ड स्थित एक इंस्टीट्यूट संचालिका द्वारा पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) कराने का झांसा देकर 48 हजार रुपए ठगने का मामला प्रकाश में आया है। अदालत के आदेश पर शहर थाना पुलिस ने इंस्टीट्यूट संचालिका के खिलाफ अमानत में ख्यानत, धोखाधड़ी व फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
पानीपत के सेक्टर छह निवासी रामनिवास ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि वर्ष 2010 में उसका संपर्क हाउसिंग बोर्ड में बीएमसीईटी इंस्टीट्यूट चला रहीं शशिप्रभा त्रिपाठी से हुआ। शशिप्रभा ने बताया कि उनका इंस्टीट्यूट शिक्षा से संबंधित विभिन्न कोर्स चला रहा है, जिसमें पीएचडी भी शामिल है। 18 सितंबर 2010 को शशिप्रभा के झांसे में आकर उसने 48 हजार रुपए की फीस इंस्टीट्यूट में जमा करा दी।
आरोप लगाया कि शशिप्रभा ने उसे बताया कि उसका पीएचडी में रजिस्ट्रेशन हो गया है। निर्धारित समयावधि में उसे डिग्री दे दी जाएगी। इसी पीरियड के दौरान इंस्टीट्यूट संचालिका ने कुछ फर्जी कागजात भी दिए। निर्धारित समयावधि के समाप्त होने पर जब उसने इंस्टीट्यूट संचालिका से डिग्री मांगी तो उसने डिग्री देने से मना कर दिया। पुलिस ने इंस्टीट्यूट संचालिका शशिप्रभा त्रिपाठी के खिलाफ अमानत में ख्यानत, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज किया है।
db
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